भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में जिस भव्यता के साथ मंदिर के निर्माण की योजना बनाई गई है, उसे साकार करने में निर्माण कंपनी के साथ ही कई जाने- अनजाने लोगों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग भी शामिल है। भारतवर्ष के जन -जन और कण-कण में बसे भगवान श्री राम के भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण कोई साधारण तरीके से नहीं हो रहा बल्कि इसमें किसी न किसी रूप में जुड़े हर व्यक्ति का कार्य किसी तपस्या से कम नहीं है।
वैसे तो श्री राम मंदिर निर्माण का कार्य बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो को दिया गया है, लेकिन मंदिर का निर्माण महज पाषाण तराशना और दीवार उठाना नहीं है बल्कि उसमें आस्था की दिव्यता भी जरूरी है।
मंदिर निर्माण में कई ऐसी हस्तियां हैं जो अपने कार्य को चरम तक पहुंचाने में उत्साह से भरे हुए हैं। मंदिर निर्माण में उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका तो है ही लेकिन उसके साथ ही कई ऐसे नाम हैं जिनके जीवन का लक्ष्य ही जैसे मंदिर निर्माण है। इनमें एक प्रमुख नाम है श्री नृपेंद्र मिश्रा का, जो श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं। श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के 15 सदस्य भी मंदिर निर्माण के अनुपम कार्य में सहभागी हैं।
जहां तक श्री नृपेंद्र मिश्र की बात है, उन्हें श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही अपना प्रधान सचिव बनाया था। श्री मिश्रा ही हैं जिन्होंने श्री मोदी के सपनों की उज्जवला योजना और शौचालय बनाने की योजना को जमीनी स्तर पर सफलता के साथ उतारा। यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे श्री मिश्रा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी यही है कि मंदिर का निर्माण नियत समय- सीमा में हो।
दूसरा प्रमुख नाम है श्री चंपत राय का, वे विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहते हुए श्री राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। अभी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव हैं। श्री चंपत राय निर्माण मंदिर से संबंधित जानकारी मीडिया के सामने रखने के लिए अधिकृत हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी भी मंदिर निर्माण के सभी कार्यों में अग्रणी रहे हैं।
प्रमुख नामों में श्री के. पराशरण भी हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं और उन्होंने अयोध्या मामले में लंबे समय तक हिंदू पक्ष की पैरवी की। रामलला मंदिर निर्माण के पक्ष में आए निर्णय में श्री पराशरण का महत्वपूर्ण योगदान है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनने के बाद श्री पराशरण को ही मंदिर की जमीन का कब्जा सौंपा गया था। इसी तरह श्री विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को ट्रस्ट गठन के बाद कमिश्नर ने श्री राम जन्मभूमि का रिसीवर नियुक्त किया था।
मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में श्री कामेश्वर चौपाल का नाम भी काफी महत्वपूर्ण है। वे दलित समुदाय के तौर पर स्थाई सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। उल्लेखनीय बात यह भी है कि सन् 1989 में राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में श्री चौपाल में ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी। उन्हें पहले कारसेवक के रूप में भी माना जाता है। स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज की भी अहम भूमिका है। वे श्री राम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे हैं। मंदिर निर्माण के लिए आए समूचे दान का हिसाब- किताब इन्हीं के पास है।
इसी तरह होम्योपैथिक डॉक्टर श्री अनिल कुमार मिश्र, महंत श्री दिनेंद्र दास, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, युगपुरुष परमानंद जी महाराज के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अपर मुख्य सचिव श्री अवनीश अवस्थी और अयोध्या के कलेक्टर श्री अनुज कुमार झा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।