पत्ते- गुठली- फल और छाल, हर तरह से है जामुन का पेड़ कमाल

जामुन के फल तो हम सभी ने खाए हैं। बैंगनी रंग का यह फल खाने में स्वादिष्ट होता है। जामुन के पेड़ भारत के अलावा दक्षिण एशिया के अन्य देशों और इंडोनेशिया में पाए जाते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम सायजायजियम क्युमिनी है। जामुन का पेड़ गुणों की खान है। इसका सिर्फ फल ही नहीं बल्कि पत्ते, गुठली, छाल सभी बहुत उपयोगी होते हैं। खासकर मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन बहुत उपयोगी है। इसकी गुठली से बने चूर्ण का सेवन करने से मधुमेह की बीमारी से परेशान रोगी को लाभ मिलता है। जामुन के ऐसे कई फायदे हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

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जामुन के पत्तों का रस बनाकर उससे कुल्ला करने से मुंह के छालों से निजात मिलती है। जामुन के पत्तों में नमी सोखने की क्षमता होती है। इसलिए किसी जीव द्वारा काटने पर इसके पत्तों का रस पीने और काटे गए स्थान पर पत्ते पीसकर लगाने से घाव ठीक हो जाता है। जामुन के पत्‍ते प्राकृतिक दवा की तरह काम करते हैं। इसके सेवन से पाचन तंत्र ठीक होता है। ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी जामुन के पत्ते उपयोगी है।

दो-तीन माह तक रोजाना सुबह जामुन का रस पीने से शरीर की दुर्बलता दूर होती है। जामुन के फलों का रस उपयोग में लाने से मुँह की दुर्गन्ध भी दूर होती है। इसके रस में शक्कर और अमृतधारा मिलाकर पीने से हैजा जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है। साथ ही जामुन का रस पीने से कब्ज सहित पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां भी जल्दी ठीक होती है।

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जामुन की छाल का रस बनाकर उससे गरारे करने से भी मुँह की दुर्गन्ध दूर होती है और मसूड़ों को मजबूती मिलती है। इसकी छाल को पानी में उबालकर उसका लेप लगाने से गठिया का उपचार होता है। जामुन के पेड़ की छाल का पाउडर, जामुन के रस के साथ मिलाकर उपयोग में लेने से सर्दी-खांसी से राहत मिलती है। शरीर में पथरी बन जाने पर जामुन की गुठली का चूर्ण बनाकर उसे दही के साथ लेने से फायदा होता है। जामुन का सेवन कैंसर के खतरे को भी कम करता है।