भगवान श्रीकृष्ण में एक आदर्श पुरुष के तमाम गुण मौजूद हैं। उनसे हमें धर्म लक्ष्य, जीवन, मानव स्वभाव और प्रेम से जुड़ी कई बातें सीखने को मिलती हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में संघर्ष है, रस है, प्रेम, विरह, कलह, युद्ध, ज्ञान, भक्ति सब कुछ समाहित है। उन्होंने बचपन ऐसे जिया कि आज भी हर मां अपने बच्चे को कान्हा कहकर बुलाती हैं। प्रेम इस तरह किया कि आज भी लोग भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा का नाम लेते हैं। जब महाभारत के युद्ध में परिवारजनों को सामने देखकर उनके मित्र अर्जुन हताश हो गए तो भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवत गीता का उपदेश देकर न्याय युद्ध का पाठ पढ़ाया। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के हर प्रसंग से हमें कुछ ना कुछ सीखने को मिलता हैं।
Sita Ram Sita Ram!!
Hari Naam at Times Square by @srld_das pic.twitter.com/ic2OGvrkRF— Iskcon,Inc. (@IskconInc) August 7, 2020
श्रीमद् भागवत में भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा ही एक प्रसंग हैं, जिससे हमें सीखने को मिलता हैं कि हमें असफलता से निराश नहीं होना चाहिए बल्कि सफलता के लिए अंतिम समय तक प्रयास करना चाहिए। प्रसंग हैं कि एक बार भगवान श्रीकृष्ण ग्वालों के साथ गाएं चराते हुए बहुत दूर तक निकल गए। जब श्रीकृष्ण को भूख लगी तो उन्होंने ग्वालों से कहा कि पास ही एक यज्ञ का आयोजन हो रहा हैं, वहां से भोजन मांग कर लेकर आओ। जब ग्वालों ने जाकर ब्राह्मणों से कहा कि नंद पुत्र कृष्ण को भूख लगी हैं और उनके लिए भोजन चाहिए। इस पर ब्राह्मणों ने कहा कि यज्ञ देवता को भोग लगाए बिना किसी को भोजन नहीं दे सकतें। ग्वालों को खाली हाथ लौटता देखकर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वापस भेजा, लेकिन ब्राह्मणों ने वही जवाब देकर उन्हें फिर से लौटा दिया।ImageSource
इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने ग्वालों से कहा कि इस बार ब्राह्मणों की पत्नियों से भोजन मांगकर लाओ। ग्वालों ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि ब्राह्मणों की पत्नियां भी वही जवाब देगी जो ब्राह्मणों ने दिए हैं। इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने ग्वालों से कहा कि आप जाओ ब्राह्मणों की पत्नियां भोजन अवश्य देगी। भगवान श्रीकृष्ण के कहें अनुसार जब ग्वालों ने ब्राह्मणों की पत्नियों को बताया कि नंद पुत्र कृष्ण को भूख लगी हैं और उनके लिए भोजन चाहिए तो ब्राह्मणों की पत्नियां तुरंत भोजन लेकर भगवान श्रीकृष्ण के पास पहुंच गई। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और ग्वालों ने भोजन किया। भगवान श्रीकृष्ण के इस प्रसंग से हमें सीखने को मिलता हैं कि हमें सफलता के लिए अंतिम समय तक प्रयास करना चाहिए।