साल 2020 को ग्रहण का साल भी कहा जा सकता है, क्योंकि दिनों और महीनों के थोड़े से अंतराल पर बार बार ग्रहण आ रहे हैं, अभी हाल ही में सूर्यग्रहण निकला है, और उसे बाद अब 5 जुलाई यानी अषाढ़ माह की पूर्णिमा को फिर से चन्द्रग्रहण आ रहा है, और उसके अगले ही दिन से श्रावण मास का प्रारंभ हो जाएगा|
ये चंद्रग्रहण 5 जुलाई, रविवार की रात में शुरू होगा, और दुनियां के अलग अगल हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा,जानकारी के अनुसार अमेरिका के लास एंजिल्स में ये चन्द्रग्रहण 4 जुलाई की रात में 8.05 से लेकर 10.52 तक लगभग पौने तीन घंटे तक रहेगा, तो वहीँ दक्षिण अफ्रीका के शहर केपटाउन में वहां के समय के अनुसार 5 जुलाई को सुबह 5 बजे तक दिखाई देगा, लेकिन भारत में ये चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा|
भारत में ये चंद्रग्रहण 5 जुलाई की रात में आएगा, उस दिन गुरु पूर्णिमा भी है, और ऐसा लगातार तीसरी बार होने जा रहा है, जब गुरु पूर्णिमा के दिन ही साथ में चंद्रग्रहण भी आएगा, जो उपछाया चंद्रग्रहण होगा| जानकारी के अनुसार उपछाया चंद्रग्रहण में पृथ्वी पर केवल चन्द्रमा की छाया पड़ेगी, इसलिए ये सम्पूर्ण ग्रहण नहीं होगा, और ना ही इस ग्रहण का कोई प्रभाव होगा, यहाँ तक कि, इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा| ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूतक काल को शुभ समय नहीं माना जाता है, और सूतक काल में किसी भी तरह के धार्मिक और शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं, मगर इस बार चन्द्रग्रहण पर ऐसा कुछ भी नहीं होगा, उपछाया चन्द्र ग्रहण होने की वजह से ये भारत में किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा|
अभी हाल ही में 21 जून को एक बड़ा सूर्यग्रहण निकला है, और ये चंद्रग्रहण भी इस साल का तीसरा चंद्रग्रहण होगा|