महुआ यानि मधुका इंडिका-खाने में स्वादिष्ट और कई रोगों का इलाज है महुआ का फल

महुआ का पेड़ भारत में सभी जगहों पर पाया जाता है। यह एक विशाल पेड़ होता है। मार्च-अप्रैल के महीने में महुआ के पेड़ पर फूल आते हैं और मई-जून में इस पर फल आते हैं। महुआ के फल सुगंधित और खाने में स्वादिष्ट है। कई लोग महुआ के बीजों को सुखाकर उसका भोजन में उपयोग करते हैं। यह खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है। महुआ में कई तरह के औषधीय गुण भी होते हैं। आयुर्वेदिक शास्त्रों में महुआ को कई रोगों के इलाज में उपयोगी बताया गया है। इसका वानस्पतिक नाम मधुका इंडिका है।

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महुआ के काढ़े का सेवन करने वाला व्यक्ति हमेशा निरोगी रहता है। महुआ के हर हिस्से में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसकी छाल से बने काढ़े का उपयोग करने से डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है। मिर्गी की समस्या से परेशान व्यक्ति अगर महुआ की पत्तियों का सेवन करे तो इससे रोगी को लाभ होगा। महुआ के फूलों से बना काढ़ा सुबह-शाम पीने से सर्दी-खांसी से राहत मिलती है। साथ ही महुआ को पीसकर उसका लेप लगाने से जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलता है। किसी जानवर के काटने पर महुआ के बीज को पीसकर काटे हुए स्थान पर लगाने से उसका असर कम होता है।

महुआ के फूलों का रस आंखों पर लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। साथ ही आंख में खुजली और पानी आने की समस्या से भी निजात मिलती है। महुआ में मौजूद तत्व हमारे शरीर का हीमोग्लोबिन बढ़ाते हैं। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। महुए की लकड़ी से दातून करने से दांतों का दर्द और मुंह की बदबू दूर हो जाती है। महुआ के तेल को सिर पर लगाने से सिरदर्द से राहत मिलती है। महुआ के फूलों से बने रस का इस्तेमाल त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जाता है। महुआ का रस लगाने से खुजली से राहत मिलती है। इसके अलावा महुआ की छाल से बना काढ़ा चेहरे पर लगाने से दाग धब्बे दूर हो जाते हैं।

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हालांकि महुआ के फायदों के साथ कुछ नुकसान भी है। डायबिटीज रोगियों को कभी भी महुआ के फूल का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे उन्हें नुकसान हो सकता है। इसलिए किसी भी बीमारी के इलाज के लिए महुआ का सेवन करने से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।