महाविसर्जन है आज..अगले बरस जल्दी आने वचन के साथ भगवान श्रीगणेश लेंगे विदाई

पूरे देश में इन दिनों भगवान श्रीगणेशोत्सव मनाया जा रहा है। ये उत्सव हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में एक है। जिसमें जगह जगह भगवान श्रीगणेश विराजमान होते हैं। 10 दिनों तक ये उत्सव चलता है, और इसके बीच में अलग अलग दिनों में जगह जगह डेढ़ दिन, 5 दिन, फिर 7 दिन के गणपति को विदा करने के बाद विसर्जित किया जाता है। और उसके बाद समय आता है महाविसर्जन का, जो इस बार आज रविवार, 19 सितंबर चतुर्दशी यानि आज है। और आज10वें दिन के लिए अंतिम महाविसर्जन की तैयारियां हो चुकी हैं।

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वैसे तो पूरे भारत में पिछले कई दशकों से गणेश उत्सव हमेशा धूमधाम से मनाया जाता रहा है। महाराष्ट्र में इस त्यौहार को उत्सव की तरह मनाये जाने की शुरुआत महान स्वतंत्रता सेना लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी। तब से लेकर अब तक कभी भी गणेशोत्सव के उत्साह में कोई कमी नहीं रही। लेकिन पिछले साल यानि 2020 से सम्पूर्ण विश्व में फैली महामारी कोरोना की वजह से सुरक्षा इंतजामों के चलते सरकार ने इस उत्सव को बहुत सीमित कर दिया, और सार्वजनिक गणेश उत्सव तो जैसे एक तरह से बंद ही हो गए थे। पर इस बार थोड़ी सी शुरुआत हुई है, और मुंबई के लालबाग के राजा जैसे बड़े गणेश मंडल को इसकी अनुमति मिली है। पर विसर्जन के लिए बहुत ही सख्त निर्देश हैं। ज़्यादातर घर और सोसाइटी में विराजमान हुए गणेश जी के विसर्जन के लिए महानगरपालिका ज्यादा टैंकर युक्त गाड़ियाँ भेजी जा रहीं हैं, जिसमें लोग वहीँ अपने आराध्य का विसर्जन कर सकते हैं। लेकिन जो बड़ी और विशालकाय मूर्तियाँ हैं, उनके विसर्जन के लिए तो समुद्र तट या तालाब के किनारे तक जाना ही होगा। इसलिए सरकार ने भी इसके मद्देनज़र सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा है। हालांकि इस वर्ष अनुमति लेने वाले गणेश मंडलों की संख्या पिछली बार से अधिक है, महाराष्ट्र, मुंबई में प्रतिमा के विसर्जन के लिए केवल 10 स्वयंसेवकों को साथ जाने की अनुमति होगी। और विसर्जन के लिए सरकार द्वारा बनाये गए सभी नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। बहुत शान्ति के साथ भगवान श्री गणेश को विदाई दी जायेगी। सभी भक्त यही कामना कर रहे हैं कि, भगवान श्रीगणेश आने वाले दिनों में सब कुछ ठीक कर दें। ताकि पहले की ही तरह सभी त्योहारों को धूम धाम से मनाया जा सके। इसी उम्मीद के साथ अगले बरस जल्दी आने के साथ भगवान श्री गणेश हम सभी भक्तों से विदा लेंगे। लेकिन ये विदाई केवल आभासीय है, क्योंकि गणेशजी तो सदैव हमारे साथ रहते हैं।