प्रकृति ने मनुष्यों को रोगों से बचाने के लिए औषधीय गुणों से भरपूर कई अनगिनत पेड़, पौधे और जड़ी बूटियां वरदान स्वरूप दी है। इनका उपयोग करके हम अपने आप को रोग मुक्त रख सकते हैं। मजीठ या मंजिष्ठा मानव जाति को प्रकृति का दिया हुआ अनुपम उपहार है। मंजिष्ठा में स्वस्थ जीवन का राज छुपा हुआ है। इसके उपयोग से कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में भी मंजिष्ठा का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता रहा है। मंजिष्ठा का तना, पुष्प और जड़ तीनों चीज़ों का उपयोग हमारे स्वास्थ के लिए फायदेमंद है।
मंजिष्ठा में एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं। मंजिष्ठा का काढ़ा बनाकर पीने से मौसमी बीमारियों और बुखार से राहत मिलती है। मंजिष्ठा में एंटी- डायबिटीक गुण भी होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल करने से डायबिटीज कम होता है और इसकी वजह से बढ़ते वजन पर भी नियंत्रण होता है। मंजिष्ठा में ऐसे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को शरीर की जरूरत के हिसाब से बदलता है। इसलिए मंजिष्ठा का काढ़ा या इसके चूर्ण के इस्तेमाल से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
मंजिष्ठा की जड़ और मुलेठी का लेप सूजन वाली जगह पर लगाने से सूजन कम हो जाती है। साथ ही मंजिष्ठा की जड़ और चंदन का लेप जले हुए स्थान पर लगाने से जलन कम होती है और घाव भी जल्दी भरता है। रोजाना मंजिष्ठा का काढ़ा पीने से नाख़ून से जुड़े रोगों से भी निजात मिलता है। गठिया और पथरी के उपचार में भी मंजिष्ठा का उपयोग किया जाता है। त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने के लिए भी मंजिष्ठा उपयोगी है। मंजिष्ठा का काढ़ा पीने से चेहरे पर मौजूद दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं। साथ ही इसकी जड़ को शहद में घिस कर चेहरे पर लगाने से निखार आता है। मंजिष्ठा का इस्तेमाल बतौर हेयर डाई भी किया जाता है। मंजिष्ठा बालों को पोषण देती है और उन्हें टूटने से बचाती है।
मंजिष्ठा का उपयोग करने के कुछ तरीके बताए गए हैं। जैसे इसको पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। इसका चूर्ण बनाकर भी सेवन किया जा सकता है। मंजिष्ठा के चूर्ण को पानी में मिलाकर पी सकते हैं। कई जगह लोग मंजिष्ठा के चूर्ण को भोजन में मिलाकर भी खाते हैं। मंजिष्ठा को सीधे मुंह में रखकर भी चूसा जा सकता है।