इंसान के जीवन में चाय की जो अहमियत है, उसकी किसी और से तुलना भी नहीं कि जा सकती. चाय ने हम सबके जीवन में एक ऐसी भागीदारी कर ली है, जिसके बिना ना तो दिन की शुरुआत होती है और न शाम की. आवभगत में भी सबसे पहले चाय, उसके बाद कुछ और, मौसम कोई भी हो चाय के दीवानों को सिर्फ चाय ही चाहिए.\
तो ऐसे में चाय की पत्ती की बात न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता. खैर यहाँ हम एक ऐसी अनोखी चाय पत्ती के बारे में बात कर रहे हैं, 100 – 200 नहीं बल्कि 75 हज़ार रुपये किलो में मिलती है.
जानकारी के अनुसार चाय नीलामी केंद्र (जीटीएसी) ने कोरोना वायरस महामारी के बीच हुई एक नीलामी में चाय पत्ती की विशेष किस्म मनोहारी गोल्ड की बिक्री 75 हजार रुपये प्रति किलोग्राम की दर से की है. अधिकारी ने कहा कि यह रिकॉर्ड दर इस साल मिली अब तक की सबसे ऊंची कीमत है. उन्होंने कहा कि एक साल के अंतराल के बाद जीटीएसी को मनोहारी गोल्ड चाय पत्ती 75000 रुपये किलो बेचने का अवसर मिला.
यह बिक्री कंटेपररी ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड ने की और इसे गुवाहाटी स्थित चाय कारोबारी विष्णु टी कंपनी ने खरीदा. विष्णु टी कंपनी अपनी डिजिटल ई-कॉमर्स वेबसाइट नाइनएएमटी डॉट कॉम के माध्यम से इस चाय पत्ती दुनिया भर में बिक्री कर रही है.
असम में खास तरह की दुर्लभ प्रजाति वाली ये चायपत्ती मनोहारी गोल्ड टी की पैदावार करने वाले मनोहारी टी स्टेट के निदेशक का कहना है, इस साल इसकी केवल 2.5 किलो पैदावार हुई. इसमें से 1.2 किलो की नीलामी हुई है. महामारी के बीच चाय की इतनी कीमत मिलना इंडस्ट्री के लिए राहत की बात है.
यह चायपत्ती इतनी खास क्यों है…?
चाय को तोड़ने का तरीका भी है अलग
ये खास तरह की चायपत्ती होती है जिसे सुबह 4 से 6 बजे के बीच सूरज की किरणें जमीन पर पड़ने से पहले तोड़ा जाता है. इसका रंग हल्का मटमैला पीला होता है. इसकी पैदावार 30 एकड़ में की जाती है. पौधों से पत्तियों के साथ कलियों को तोड़ा जाता है. ये चायपत्ती अपनी खास तरह की खुशबू के लिए जानी जाती है. इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं.