वो पवित्र वृक्ष जिससे कई तरह की बीमारियाँ हो जातीं हैं दूर

हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म में अशोक के पेड़ को बहुत ही पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि भगवान गौतम बुद्ध का जन्म अशोक के पेड़ के नीचे ही हुआ था। नेपाल, भारत और श्रीलंका में कई लोग अशोक के पेड़ की पूजा भी करते हैं। अशोक का मतलब होता है दुख या दर्द से राहत देने वाला। अपने नाम की तरह अशोक के पेड़ में मनुष्यों के कई दर्द दूर करने की क्षमता है। अशोक का पेड़ हमेशा हरा-भरा रहता है। इस पर पीले और नारंगी रंग के फूल लगते हैं। इसके औषधीय गुणों से कई तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है।

ImageSource

त्वचा से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी अशोक का पेड़ काफी फायदेमंद है। इसके फूल के अर्क में फ्लेवोनॉयड्स पाए जाते हैं। यह त्वचा का रंग साफ करने और दाग-धब्बों को हटाने में मदद करता है। बुखार से राहत दिलाने में भी फ्लेवोनॉयड्स कारगार है। अशोक के पेड़ में मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में प्रभावी है। इसके फूल और छाल में मौजूद औषधीय गुण पाचन प्रक्रिया को सुधार कर बवासीर से राहत दिलाने में मददगार साबित होते हैं। पथरी की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को भी अशोक के बीज, छाल और जड़ के चूर्ण का सेवन करने की सलाह दी जाती है। पेट दर्द होने पर अशोक की छाल को पानी में उबालकर उसका काढ़ा दिन में दो बार पीने से राहत मिलती है।

सांस से संबंधित समस्या होने पर अशोक के पेड़ के बीज से बने चूर्ण का सेवन करने से फायदा मिलता है। इसकी छाल का चूर्ण बनाकर रोजाना दूध के साथ पीने से टूटी हुई हड्डी जल्दी जुड़ जाती है। इसकी छाल को पीसकर पेस्ट बनाकर और उस पेस्ट को लगाने से जोड़ो के दर्द से छुटकारा मिलता है। अशोक के सूखे हुए फूल मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके पत्ते या छाल का सेवन करने से पेट साफ़ रहता है।