सनातन धर्म के अनुसार माघ मास की शुरुआत 29 जनवरी से हो गई है. ये माघ महीना 27 फरवरी तक रहेगा. हिंदू धार्मिक गुरुओं का कहना है कि माघ मास में जो भी व्यक्ति भगवान कृष्ण की पूजा करता है तो उसकी सभी बाधाएं दूर होती है, रुके हुए कार्य पूरे होते हैं. एक वाक्य में बात कही जाए तो वह ऐसी है कि ज़िदगी को नई दिशा मिलती है. हिंदू धर्म के जानकारों का कहना है कि, यदि मौक़ा मिले तो माघ महीने में हरिद्वार या काशी में जाकर गंगा स्नान करना चाहिए. इस महीने बहुत से भक्त प्रयागराज, काशी, नैमिषारण्य (गोमती नदी के पास स्थित है), कुरुक्षेत्र, हरिद्वार या अन्य पवित्र तीर्थों पर स्नान के लिए पहुँचते हैं, और अगर नहीं जा सकते तो आप घर में नहाने वाले पानी में गंगा का पानी मिलाकर स्नान करें तो उससे भी वही फल प्राप्त होगा जो इन स्थान पर जाकर नहाने से होगा.
इसलिए करते हैं गंगा स्नान
गंगा का स्नान आप साल के किसी भी दिन कर सकते हैं पर माघ मास में स्नान करना थोड़ा विशेष है. जानकारी के अनुसार माघ महीने के दौरान गंगाजल में भगवान विष्णु का कुछ अंश रहता है. इस वजह से कहा जाता है कि इस समय गंगा स्नान का प्रभाव अधिक हो जाता है.
श्रीकृष्ण की पूजा का महत्व
भगवान कृष्ण की पूजा में तिल, जल, फूल और कुश जैसी सामग्री लेकर पूजा करना चाहिए. पूजा में श्रीमद्भागवदगीता गीता का पाठ कर सकते हैं या फिर हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे, हरे राम हरे राम राम हरे हरे… का भजन सुनकर या गाकर पूजा कर सकते हैं. इसके बाद घर में जो भी पकवान आपने बनाएं हैं उनका भोग लगाएं और फिर चाहें तो उस भोग को अपने पकवान में मिला कर परिवार के अन्य सदस्यों को दें और खुद भी ग्रहण करें. और हां हो सके तो तुलसी के पत्तों को पकवान में अवश्य शामिल करें. मान्यता है कि इस तरह से पूरे महीने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से हर तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं, घर में सकारात्मक माहौल बना रहता है और सुख-समृद्धि घर में बनी रहती है.
माघ मास की विशेषता
सनातन धर्म के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस महीने आपको धर्म से जुड़े कार्य करना चाहिए, जैसे दान-पुण्य या यूँ कहें कि किसी ज़रूतमंद की ज़रूरत पूरी कर आप भगवान कृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं. इस तरह के कार्य से आप खुद को सम्मानित कर सकते हैं. किसी की ज़रूरत में काम आना ही अपने आप में ही बड़ी बात है. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि के अनुसार माघ स्नान जो भी करता है उस पर भगवान माधव की कृपा अपरम्पार होती है. साथ ही उन्हें सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष की प्राप्त होती है.
पद्म, स्कंद और ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार जो भी मनुष्य इस महीने मात्र एक समय भोजन करता है उनका जन्म धनवान कुल में होता है और जन्म लेकर अपने कुटुम्बीजनों में महत्व को प्राप्त होता है. हिंदू आचार्य के अनुसार माघ महीने में जो भी व्यक्ति उपवास या व्रत करता है उसे सुख-समृद्धि घर में बनी रहती है.