क्रिकेट का वो नायक, जिसने लिख दिया इतिहास

वो इतिहास जो क्रिकेट के नायक ने लिखा है. जिस क्रिकेटर को इस देश के लोगों से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से से प्यार मिला है. भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए शनिवार का दिन बेहद भावुक रहा. क्रिकेट के दो दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना ने एक साथ अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास का एलान कर दिया. सोशल मीडिया पर लगातार इन दोनों खिलाड़ियों को लेकर चर्चा हो रही है. धोनी के संन्यास के बाद उनकी पत्नी साक्षी ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया है. धोनी का एक फोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘आपने जो भी हासिल किया उस पर आपको गर्व होना चाहिए. खेल को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए आपको बधाई. आपकी उपलब्धियों और आप पर मुझे गर्व है.

क्रिकेट को अलविदा कहते समय आपने अपने आंसुओं को रोका होगा. आपकी सेहत, खुशियों और आगे आने वाली खूबसूरत चीजों की कामना करती हूं. इस पोस्ट में साक्षी ने मशहूर अमेरिकी कवयित्री माया एंजेल्यू की पक्तियों के ज़रिये ये सन्देश लिखा कि, ‘लोग भूल जाएंगे आपने जो कहा, लोग भूल जाएंगे आपने जो किया, लेकिन लोग यह कभी नहीं भूलेंगे आपने उन्हें कैसा महसूस कराया.’

7 जुलाई 1981 के दिन रांची, झारखण्ड में एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले महेंद्र सिंह धोनी उर्फ़ माही क्रिकेट के इतने बड़े नायक बन जायेंगे, ये किसी ने नहीं सोचा था. माही अपने स्कूल के दिनों से ही क्रिकेट खेलने लगे थे, लेकिन इंडियन क्रिकेट की टीम में शामिल होने में उन्हें कई साल लग गए, और इसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया. लेकिन जैसे ही वो टीम इंडिया में शामिल हुए उसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा. भारतीय क्रिकेट टीम के इस सबसे सफल कप्तान को दुनिया में सबसे बेस्ट फिनिशर माना जाता है.

पद्मश्री, पद्मभूषण और राजीव गाँधी खेलरत्न जैसे बड़े बड़े पुरस्कार प्राप्त कर चुके एम एस धोनी के जीवन पर फिल्म भी बन चुकी है. जिसका नाम है, एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी. ये फिल्म काफी चर्चित रही. इस फिल्म में धोनी का किरदार दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने निभाया, और हूबहू एम एस धोनी के खेलने के तरीके को समझकर उन्होंने इस किरदार को जीवंत कर दिया.

वर्ल्ड क्रिकेट में भी महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफ़ी पर कब्ज़ा जमाया है. धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी की वर्ल्ड-टी20 (2007 में), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011 में) और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी (2013 में) का खिताब जीत चुका है.

टेस्ट क्रिकेट से एमएस धोनी ने 2014 में ही संन्यास ले लिया था. 90 टेस्ट मैचों में धोनी ने 38 से ज़्यादा की औसत से 4876 रन बनाए. टेस्ट मैचों में धोनी ने विकेट के पीछे 256 कैच लिए है. और और इन मैचों में 6 शतक और 33 अर्धशतक बनाये. धोनी ने भारत की ओर से 350 वनडे मैच खेले जिनमें उन्होंने 50 से ज़्यादा की औसत से 10,773 रन बनाए. वनडे क्रिकेट में धोनी 10 शतक और 73 अर्धशतक बनाए. इसके साथ ही उन्होंने विकेटकीपर के तौर पर 321 कैच लिए और 123 खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया.वहीं टी-20 क्रिकेट में धोनी ने भारत की ओर से 98 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 37 से ज़्यादा की औसत से 1617 रन बनाए. उनके सन्यास लिए जाने पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इसे एक युग का अंत बताया है.

बहरहाल रिकॉर्ड तो बहुत हैं, उनकी गिनती भी सबको पता है. क्रिकेट प्रेमियों को कैप्टन कूल के अंदाज़ से प्यार था. कठिन परिस्थितियों में भी उनके धैर्य को जिसने देखा है, वो जानता है, अब वैसा कोई नहीं कर पायेगा. स्टंप के सामने जब वो इत्मीनान से खड़े होते थे और बल्ला घुमाकर हेलिकोप्टर शॉट मारते थे, उसे देखने के लिए लोग अपनी साँसें थाम लेते थे. और मैच ख़तम करने के बाद जितनी आराम से वो मैदान से चलकर जाते थे, वो और कोई नहीं कर सकता.

हालांकि एक बात की तसल्ली है, अभी भी हम अपने इस चहेते खिलाड़ी को घरेलू मैदान पर आईपीएल खेलते हुए देख पायेंगे. पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एम एस धोनी के कारनामे पूरी दुनियां को हमेशा याद आयेंगे.