भविष्यपुराण, पद्म पुराण और महाभारत के मुताबिक अभ्यंग स्नान करने से म्र लंबी होती है. अभ्यंग यानि तेल में औषधियों को मिला कर मालिश करें. और फिर कुछ समय बाद स्नान करें. जानकारी के अनुसार ऐसा करने से लक्ष्मीजी के साथ-साथ, यमराज और अन्य देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। विद्वानों का मानना है कि इस तरह के उपाय करने से शरीर तंदुरस्त होता है. वहीं आयुर्वेद की मानें तो सरसों के तेल की मालिश से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। महाभारत में कहा गया है कि सोम, मंगल, बुध और शनिवार को तेल मालिश करना लाभदायक होता है।
सरसो के तेल से मालिश करने से रक्त संचार अच्छा होता है. इस तेल में ओलिक एसिड और लीनोलिक एसिड मौजूद होता है. इससे बालों को पोषण मिलता है. शायद आप जानते होंगे कि सरसो के तेल में विटामिन ई होता है और यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. विटामिम ई शरीर को अल्ट्रावायलेट किरणों से लड़ने के लिए सक्षम बनाता है. सरसों के तेल से भगवान भैरव, शनिदेव व हनुमानजी भी खुश होते हैं.
इसके लिए सच्चे हृदय से उनकी आराधना करें और सरसो के तेल से भरे हुए दीपक को जला कर उनके समक्ष रखें. साथ ही मृत्य के देवता की भी कृपा बनी रहे तो उनके लिए भी तेल से भरे दीपक को घर की देहरी पर लगाएं. कहा जाता है कि ऐसा करने से यम देवता प्रसन्न होते हैं और घर में रहने वाले व्यक्तियों की उम्र लंबी होती है.
महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है कि,
तैलाभ्यां गे रवौ ताप: सोमे शोभा कुजे मृति :।
बुधेधनं गुरौ हानि: शुझे दु:ख शनौ सुखम्॥
अर्थात – रविवार को तेल मालिश करने से ताप यानि गर्मी संबंधी रोग हो सकते हैं, सोमवार को शरीर के सौन्दर्य में वृद्धि होती है, मंगलवार को तेल मालिश करने से मृत्यु भय दूर होता है, बुधवार को धन संबंधी कामों में लाभ मिल सकते हैं, गुरुवार तेल मालिश करने से हानि के योग बनते हैं, शुक्रवार को दु:ख और शनिवार को मालिश करने से सुख मिलता है।