जयकारा शेरावाली दा..आज से हो गया है नवरात्रि का शुभारम्भ, खरीददारी के लिए बहुत शुभ मुहूर्त

आज 17 अक्टूबर है. आज से से नवरात्रि शुरू हो गईं हैं. हिन्दू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि मां नवदुर्गा की उपासना का पर्व है. वैसे तो हर साल गणेश उत्सव के साथ ही त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है. उसके बाद बीच में 15 दिन का पितृपक्ष का समय आता है, और हर साल श्राद्ध खत्म होते ही नवरात्रि का त्यौहार शुरू होता है, लेकिन इस बार अधिक मास लगने के कारण नवरात्रि 25 दिन देरी से शुरू हुई हैं.

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ज्योतिर्विद के अनुसार इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ेगी, जिसके कारण नवरात्रि में देवी आराधना के लिए पूरे 9 दिन मिलेंगे. 17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो जाएगी. और 24 तारीख को सूर्योदय के वक्त अष्टमी और दोपहर में नवमी तिथि रहेगी. इसलिए इस बार 25 अक्टूबर के दिन दशहरे का त्यौहार मनाया जाएगा.

इस बार सर्वार्थसिद्धि योग में नवरात्रि शुरू हुआ है. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना शुभ मुहूर्त में होगी. ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद शुभ माना जाता है. ये समय प्रॉपर्टी, व्हीकल और अन्य चीजों की खरीदारी के लिए बहुत शुभ होता है.

इस तरह से होगी अलग अलग दिनों में माता रानी की पूजा :

17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना

18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा

19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा

20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा

21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा

22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा

23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा

24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा

25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा

हिन्दू धर्म में नवरात्रि की पूजा और और व्रत का विशेष महत्त्व है. कोई नवरात्रि में पूरे नौ दिन का व्रत रखता है तो कोई पहले दिन और अष्टमी के दिन का व्रत रखता है. भक्तगण देवी की स्थापना और नवरात्रि में जागरण भी करते हैं. लोग अपनी अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा करते हैं. पूजा के लिए कुछ ज़रूरी सामग्री होती है. जो इस प्रकार है:

लाल चुनरी, आम के पत्‍ते, लाल वस्त्र, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, नारियल, दुर्गा सप्‍तशती किताब, कलश, साफ चावल, कुमकुम, फूल, फूलों का हार, चालीसा व आरती की किताब, देवी की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, उपले, फल-मिठाई, कलावा, मेवे की खरीदारी अवश्य कर लें. और उसके बाद विधि विधान के साथ माता रानी का पूजन करें. नवरात्रि के अंतिम दिन कन्याओं को भोजन ज़रूर करना चाहिए.