लक्ष्मण के अलावा और कोई नहीं मार सकता था मेघनाद को

रामायण में रावन और कुम्भकरण जैसे बड़े बड़े शूरवीरों का वध प्रभु श्रीराम के हाथों हुआ था, लेकिन रावण के पुत्रों में एक ऐसा वीर भी था, जिसका वध लक्ष्मणजी ही कर सकते थे. और उसका नाम था, मेघनाद.

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद श्रीराम जब अयोध्या लौटकर वापस आये, और उनसे मिलने के लिए एक दिन अगस्त्य ऋषि वहां आये, और रामजी के साथ रावण के युद्ध का प्रसंग चलने लगा, तब श्रीराम ने उन्हें बताया कि, किस तरह बड़े योद्धाओं को इस युद्ध में पराजित किया गया, और लक्ष्मण ने भी इन्द्रजीत जैसे शक्तिशाली असुर का वध कर दिया.

उसके बाद अगस्त्य ऋषि ने कहा, बेशक रावण और कुम्भकरण बहुत बड़े योद्धा थे, लेकिन मेघनाद से बड़ा वीर पूरी लंका में कोई नहीं था, और उसका अंत केवल लक्ष्मण ही कर सकते थे. प्रभु राम को अपने भाई की वीरता की बात पर बहुत प्रसन्नता हुई, लेकिन जिज्ञासावश उन्होंने इसका कारण पूछा, तो अगस्त्य ऋषि ने बताया कि, एक बार देवराज इंद्र से मेघनाद का युद्ध हुआ और मेधनाद उन्हें बंदी बनाकर लंका में ले आया था, और उसका नाम इन्द्रजीत हो गया था. तब स्वयं ब्रह्माजी ने दान के रूप में इंद्र को माँगा था, और इंद्रदेव मुक्त हुए थे. लेकिन उसे ब्रह्माजी से वरदान मिला कि, उसे वही मार सकता था, जो चौदह वर्ष तक सोया ना हो.  जिसने चौदह साल तक किसी स्त्री का मुख नहीं देखा हो. और जिसने चौदह वर्षों तक अन्न ग्रहण नहीं किया हो.

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और श्रीराम की सेवा करते हुए लक्ष्मण ने वन में रहकर ये तीनों कार्य किये थे, यहाँ तक कि, उन्होंने अपनी भाभी सीता जी का मुख भी कभी नहीं देखा था, उनकी दृष्टी केवल, उनके चरणों पर ही रहती थी. श्रीराम और सीताजी के विश्राम के समय वो रात भर धनुष पर बाण चढ़ाकर पहरेदारी करते थे. और लक्ष्मण जो फल फूल वन से लेकर आते थे, उसका तीसरा हिस्सा रामजी, लक्ष्मण को देते थे, पर खाने के लिए नहीं कहते थे, तो उनकी आज्ञा के बिना वो उन्हें कैसे खा सकते थे. इसलिए उन्हें सम्हालकर कुटिया के बाहर ही रख देते थे. और लक्ष्मण ने ये भी बताया कि, विश्वामित्र मुनि से मैंने एक अतिरिक्त विद्या का ज्ञान लिया था, जो थी, बिना आहार के जीवित रहने की विद्या. उसी के कारण वो 14 वर्ष तक अपनी भूख को नियंत्रित कर सके. और इन्द्रजीत का वध कर पाए.

लक्ष्मण की इस तपस्या के बारे में सुनकर श्रीराम का ह्रदय द्रवित हो गया, और उन्होंने अपने भाई को गले से लगा लिया.