सनातन जीवन शैली में सूर्य को जल चढ़ाने की बहुत अहमियत है. नियमित रूप से जल चढ़ाते है, उन लोगों को समाज में मान सम्मान प्राप्त होता है और सेहत के साथ साथ लम्बी उम्र भी मिलती है. सूर्य के साथ ही तुलसी पर जल चढ़ाने का भी विशेष धार्मिक महत्व होता है. रोज सुबह उठकर तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए ताकि देवी-देवताओं की कृपा बनी रहे. शास्त्रों में वर्णित है की जिस घर में तुलसी होती है, और जो लोग तुलसी की देख रेख करते है उनके घर में हमेशा सुख-समृद्धि रहती है.
हमारे धर्म में माता पिता का दर्जा भगवान से भी ऊपर माना जाता है. कहते हैं, उनका आशीर्वाद हो तो जीवन में सफलता के सारे मार्ग खुल जाते हैं. इसलिए रोज सुबह उठकर अपने माता पिता का आशीर्वाद लेना चाहिए, इससे आने वाली बुरी बलाएँ टल जातीं हैं. और बुरा समय देवी देवता भी अपनी कृपा बरसाते हैं.
हम सबके घर में एक पूजाघर या मंदिर ज़रूर होता है. हर रोज अपने घर के मंदिर में पूजा करनी चाहिए और वहां धुप-दीप अगरबत्ती जलानी चाहिए जिसके धुएं से वतावारण शुद्ध हो जाता है. और आस पास सकारात्मकता का माहौल बन जाता है. इससे हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है.
जब भी हम सुबह या दिन में किसी भी समय किस शुभ कार्य के लिए अपना घर छोड़ते हैं, और निकलने से पहले दही का सेवन जरुर करना चाहिए, जिससे कार्य में बाधा नहीं आती और ये बहुत शुभ माना जाता है.
सुबह खाना बनाते समय सबसे पहले गाय के लिए एक रोटी ज़रूर निकाल देनी चाहिए. इस रोटी को हर रोज काम पर निकलने से पहले रस्ते में मिलने वाली या आसपास किसी भी गाय को जरुर खिलाये जिससे आपके घर में खुशियाँ और समृद्धि आती है. और घर में अन्न और धन धान्य की कमी कभी नहीं आती. ये कुछ ऐसे नियम हैं, अगर सुबह की दिनचर्या में ये अपना लिए जाएँ, तो जीवन मंगलमय तो बनता ही है, इसके साथ ही सफलता के सभी मार्ग खुल जाते हैं.