आज श्रावण महीने का पहला सोमवार है, वैसे तो हर साल श्रावण के पहले सोमवार के दिन भोलेनाथ के सभी मंदिरों के बाहर भक्तों की लम्बी लम्बी कतारें लगती थी, और ये सिलसिला श्रावण के हर सोमवार को ऐसे ही बरकरार रहता था. मगर इस बार परिस्थितियां काफी बदली हुई हैं. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते पूरे देश में सरकार ने मंदिरों के लिए भी कुछ नियम बनाये हैं. और खुद मंदिर की प्रबंधन समितियों ने भक्तों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपनी तरफ से भी कुछ नियम बनाये हैं. ऐसे में भगवान भोलेनाथ के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर में भी भक्तों के दर्शन के लिए नियम बदल गए हैं.
हर वर्ष पहले सोमवार के दिन जहाँ 2 लाख से ज्यादा भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते थे, तो वहीँ इस बार प्रशासन ने इस इस तरह की तैयारी कि है कि, केवल 25 हज़ार भक्त ही मंदिर में दर्शन कर सकें. इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि, किसी भी भक्त को मंदिर के गर्भगृह तक जाने की अनुमति नहीं है. इसका मतलब ये है कि, शिवलिंग पर सीधे जलाभिषेक कोई भी श्रद्धालु नहीं कर सकेगा. और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हर 6 घंटे के बीच मंदिर को सैनेटाइज किया जा रहा है.
मंदिर के अन्दर और बाहर हर जगह सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम हैं. मंदिर के परिसर में एक समय में सिर्फ पांच ही लोग रह पायेंगे, जब वो बाहर निकल जायेंगे, उसके बाद अगले पांच भक्त मंदिर परिसर में आयेंगे. यहाँ तक कि मंदिर के बाहर हमेशा जो पूजा सामग्री की दुकानों का मेला सा दिखाई देता था, वो दुकानें भी इस बार नहीं लग पाएंगी. और इस बार मंदिर में कोई भी पूजन, अनुष्ठान और रुद्राभिषेक भी नहीं हो सकेगा. जो भक्त रुद्राभिषेक करना चाहते हैं, उन्हें ऐसा करने की सुविधा ऑनलाइन मिलेगी. और भारतीय डाक विभाग के अंतर्गत स्पीड पोस्ट के द्वारा उन्हें प्रसाद भेजा जाएगा. और इस प्रसाद का शुल्क 251 रुपये रखा गया है, पर रुद्राभिषेक और आरती के शुल्क में 30 फ़ीसदी तक वृद्धि भी हो सकती है.