अगहन मास चल रहा है ऐसे में इस माह में जो व्यक्ति सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करता है, सूरज को अर्ध्य देता है और दान-पुण्य करता है उन पर श्रीकृष्ण की दया दृष्टि सदैव बनी रहती है. अर्थात ऐसे व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक विचार सकारात्मक में बदल जाते हैं या कहें कि वो आलस्य को छोड़ मेहनत का दोस्त बन जाता है. 1 दिसंबर से अगहन मास की शुरूआत हुई है जिसे मार्गशीर्ष माह भी कहते हैं. ये बात श्रीमद्भागवत में भी कही गई है. सभी 12 मासों को श्रीकृष्ण का स्वरूप भी माना जाता है.
अगहन मास में इन देवताओं की पूजा करें, कष्ट होंगे दूर..
सूर्य देवता की पूजा के बाद किसी मंदिर में जाकर शिव लिंग पर जल चढ़ाएं और फिर बेल पत्र, धतूरा, फूल, चावल आदि जैसी पूजन सामग्री चढ़ाएं और धूप व दीपक जलाकर “ऊँ नम: शिवाय” का 108 जाप करें. ऐसा करने से शिव जी कृपा होती है.
1. अगहन मास में हनुमान चालीसा पढ़ना फलदायक होता है. कहा जाता है कि हनुमान जी हर बाधा से आपकी रक्षा करते हैं. हो सके तो “ऊँ रामदूताय नम:” मंत्र का जाप 108 बार करें. ऐसा करना भी लाभदायक होता है.
2. हिंदू धर्म में जब भी किसी कार्य की शुरुआत होती है तब सबसे पहले भगवान श्रीगणेश जी को पूजा जाता है. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए दूर्वा चढ़ाई जाती और लड्डू का भोग भी लगाया जाता है.
दिसंबर का महीना ठंड का होता है और अगहन मास में यदि कंबल और चादर जरुरतमंद को दान किया जाए तो श्री कृष्ण जी प्रसन्न होते हैं और जीवन का कल्याण करते हैं.
धर्म के साथ-साथ स्वास्थ लाभ भी पा सकते हैं, अगहन मास में केवल आपको यह करना है- रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें खाना है. जैसे हल्दी वाला दूध पीना है, फल, शहद, गुड़ का सेवन करना है. ऐसा करने से अगहन मास में धर्म लाभ के साथ स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकता है.