फालसा एक मध्यम आकार का पेड़ है जिस पर छोटी बेर के आकार के फल लगते हैं। इसकी सबसे अधिक खेती दक्षिण एशिया में की जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम ग्रेविया एशियाटिका है। फालसा का फल एक मौसमी फल है जो गर्मियों के समय लगता है। फालसा का फल खाने में स्वादिष्ट होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है। इसके अलावा भी कई पोषक तत्व और औषधीय गुण फालसा में पाए जाते हैं। इसकी मदद से कई तरह के रोगों का इलाज किया जा सकता है।
खून की कमी होने पर फालसा के पके हुए फल का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है। साथ ही फालसा के फल या शर्बत का सेवन करने से त्वचा में जलन होने की समस्या से जल्दी छुटकारा मिलता है। फालसा में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं। यह तत्व हमारे शरीर को इन्फेक्शन से बचाते हैं। फालसा का सेवन करने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है। एनीमिया के इलाज के लिए भी फालसा का उपयोग किया जाता है।
फालसा में आयरन होता है, जो एनीमिया से राहत दिलाता है। फालसा का फल खाने से पेट दर्द और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलती है।फालसे का फल गर्मी के मौसम में आने वाला मौसमी फल है। इसलिए इसकी तासीर ठंडक प्रदान करने वाली होती है।
गर्मी के मौसम में फालसे से बना रस शरीर के लिए किसी टॉनिक की तरह काम करता है। यह हमें लू लगने और उससे होने वाले बुखार से बचाता है। इसका रस पीने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। फालसे का रस खांसी-जुकाम और गले में होने वाली समस्याओं में भी उपयोगी है। फालसे के फलों के साथ-साथ इसके पत्ते भी उपयोगी है। इसके पत्तों का चूर्ण बनाकर मवाद पर लगाने से वह जल्दी सूख जाता है। साथ ही घावों और एक्जिमा को ठीक करने में भी यह चूर्ण उपयोगी है।
वैसे तो फालसे के फल सेवन करना हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए फालसा का उपयोग कर रहें है तो उससे पहले एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर ले।