भारतीय मूल के फिजीशियन डॉ. विवेक मूर्ति बने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सर्जन जनरल

भारत के प्रतिभाशाली लोगों का दबदबा पूरी दुनिया में कायम है. दुनिया में हर जगह भारतीय मूल के कई ऐसे लोग मिल जायेंगे, जिन्होंने न सिर्फ विदेशी धरती पर मिसाल कायम की, बल्कि अपने देश का नाम भी रोशन किया. और ये प्रतिभाएं हर क्षेत्र में हैं, चाहे उधोगपति हों, इंजीनियर हों, या डॉक्टर, भारत के लोग, अपने वतन की मिटटी की खुशबू पूरी दुनिया में फैला रहे हैं.

ImageSource

इसी क्रम में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. भारतीय-अमेरिकी फिजिशियन डॉ. विवेक मूर्ति अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अगले सर्जन जनरल नियुक्त कर दिए गए हैं. अमेरिकी सीनेट ने 57-43 वोट से उनकी इस पद पर नियुक्ति पर मोहर लागाई है. डॉक्टर विवेक मूर्ति को दूसरी बार ये उपलब्धि हासिल हुई है. इससे पहले वह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय पर भी ये अहम ज़िम्मेदारी सम्हाल चुके हैं. इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना की मार से बुरी तरह जूझ रही है, ऐसे में अमेरिका की स्थिति सम्हालना डॉक्टर विवेक मूर्ति के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगी.

सर्जन जनरल चुने जाने के बाद डॉ. विवेक मूर्ति ने ट्वीट के माध्यम से आभार व्यक्त किया है. उन्होंने अपने ट्विटर सन्देश में लिखा है कि, “मैं आभारी हूं कि सीनेट द्वारा आपके सर्जन जनरल के रूप में एक बार फिर सेवा देने का मौका मिला. हमने साथ काम करने के लिए तत्पर हूं.”

अभी डॉक्टर विवेक मूर्ति की उम्र 43 साल है, और वह दूसरी बार अमेरिका के सर्जन जनरल के पद पर काबिज होंगे. 2011 में, राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें बीमारी की रोकथाम और जन स्वास्थ्य को लेकर बनाए गए सलाहकार समूह में शामिल किया था, तब उनकी उम्र मात्र 37 साल थी, और इतनी कम उम्र में इस पद पर काम करने वाले वह पहले सर्जन बने थे.