भोजपुरी में पी एम मोदी के संबोधन ने जीता काशीवासियों का दिल, कहा चोरी हुई मूर्ति आ रही है वापस

आज का दिन अद्भुत है. आज वैसे भी देवताओं की दीपावली है. सभी देवी देवता काशी में एकत्रित हो गए हैं. 15 लाख से भी ज्यादा दियों से रोशन हुई काशी नगरी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पूरे दिन काशी में अलग अलग जगह जाकर अपनी मौजूदगी दर्ज की. और अपने संबोधन में कई परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी. आज के दिन पी एम मोदी ने दो बार देशवासियों और काशी के लोगों को संबोधित किया. उन्होंने दोनों ही बार भोजपुरी में अपनी बात शुरू की, और ये अंदाज़ वाराणसी के लोगों को बहुत पसंद आया. काशी के लोगों ने वहां उपस्थित होकर प्रधानमंत्री मोदीजी के संबोधन को सुना, और खूब तालियाँ बजाई.

ImageSource

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान गंगा नदी की पवित्रता और उसके लिए किये गए कामों पर भी बात की. और काशी के लोगों ने उनके साथ मिलकर लोकल वोकल की आवाज को और बल दिया. राजघाट पर अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि, सौ वर्ष पूर्व यहाँ से चोरी हुई मूर्ति अब काशी में वापस आ रही है. इस बात का ज़िक्र सी एम योगी ने भी अपने संबोधन में किया. इस अवसर पर पी एम मोदी ने क्रूज़ में बैठकर काशी की सैर भी की. और काशी वासियों को अपनी सरकार की उपलब्धियां भी बताई. काशी के लिए जो विकास के काम शुरू किये गए, उन पर विरोध करने वाले लोगों पर भी उन्होंने निशाना साधा. आज का दिन सचमुच वाराणसी और वहां के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा.

वाराणसी के 84 घाटों पर पंद्रह लाख दियों से गंगामैया की छठा निराली हो गई, और उस पर पी एक मोदी और यू पी के सी एम योगी जी की उपस्थिति ने आज के इस दिन को केवल काशी के वासियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया के लोगों के लिए यादगार बना दिया.