अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने पूरे विधि विधान के साथ पूजा में हिस्सा लिया है, और उन्होंने रामलला के सामने साष्टांग भी किया. संसद भी लोकतंत्र का मंदिर होता है. चुनाव जीतने बाद मोदीजी ने संसद की देहरी पर साष्टांग किया था, और उसके बाद आज फिर से सार्वजनिक रूप से उन्होंने श्रीराम के सामने साष्टांग किया. ये अवसर बहुत सालों की प्रतीक्षा के बाद आया है. इस घड़ी का इंतज़ार पूरी दुनिया कर रही थी.
एक लम्बी लड़ाई थी, काफी साल, या फिर यूँ कहें सदियाँ लग गईं, भारत में रामराज्य लाने में, बहुत कुछ बदल गया है, इस आन्दोलन में शामिल होने वाले काफी लोग इस दुनियां में नहीं हैं. और काफी लोग वयोवृद्ध हो चुके हैं, आज वो भी अपनी आँखों से ये नज़ारा देख रहे होंगे और उन्हें अपने प्रयासों पर गर्व हो रहा होगा कि, उन्होंने अपने आराध्य प्रभु राम के लिए अपने जीवन में जो संघर्ष किया वो आज फलीभूत हुआ है.
आज अपनेघर परसभी रामभक्त सामूहिक रूप से रामरक्षा, मारुती स्तोत्र, हनुमान चालीसा और सुन्दर काण्ड का पाठ भी कर सकते हैं. श्रावण मास होने की वजह से कम से कम शिव शम्भू भोलेनाथ की एक माला विजय महामंत्र, श्रीराम जयराम, जय जय राम करके, यदि संभव हो तो मिष्ठान बनाकर वितरण करें, और अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी यही करने के लिए प्रेरित करें.
ऐसे अवसर युगों में आते हैं, सम्पूर्ण मानवजाति को आज के इस अवसर पर फक्र होगा. आखिर ये प्रभु राम का उत्सव है, और इस उत्सव में पूरी दुनियां शामिल है. भारत के साथ पूरे विश्व के राम भक्त ये आयोजन देख रहे हैं. आज शिलान्यास के कार्यक्रम के बाद राम मंदिर का निर्माण भी तेज़ी से शुरू हो जायेगा.