पीएम का श्रीराम मंदिर जन्मभूमि पूजन दौरा तैयार, सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाकर लेंगे अनुमति

जैसे-जैसे राम मंदिर भूमि पूजन की तिथि नजदीक आ रही है, पूरे देश के लोगों में यह जानने की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है, कि पूरा कार्यक्रम कैसा और कितना भव्य होगा। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से जुड़ी खबर आई है। प्रधानमंत्री सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुँचकर भगवान हनुमान की अनुमति प्राप्त करेंगे, क्योंकि भगवान श्रीराम से जुड़े किसी भी कार्य का आरंभ करने से पहले हनुमान जी की अनुमति लेना जरूरी होता है।ImageSource

ऐसी भी जानकारी है, कि प्रधानमंत्री श्रीराम मंदिर के शिलान्यास से पूर्व रामलला के दर्शन करेंगे इसी के बाद गर्भ गृह पहुँच कर भूमि पूजन करेंगे। उसके बाद कार्यक्रम अनुरूप वे वहाँ उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों को संबोधित करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री न केवल राम मंदिर से जुड़ी परियोजना बल्कि अयोध्या के विकास से जुड़ी अन्य कई योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं।

राम मंदिर परिसर में प्रधानमंत्री काफी समय व्यतीत करेंगे ऐसी जानकारी भी है। इस ऐतिहासिक अवसर पर वे देश के अलग-अलग स्थानों से बुलाए गए संतों के अलावा अन्य अतिथियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। खबरों के अनुसार राम मंदिर जन्मभूमि पूजन के लिए देश के बड़े उद्योगपतियों सहित लगभग 200 विशिष्ट जनों को न्योता दिया जाएगा।

जैसा कि सर्वविदित है, भगवान राम के मंदिर से भारतीय जनमानस की तीव्र भावनाएँ जुड़ी हुई हैं। लंबे समय से श्रद्धालु इस श्रीराम मंदिर को मूर्त रूप लेते देखना चाहते हैं। ऐतिहासिक महत्व वाली अयोध्या में दशरथनंदन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इतिहासकारों व पौराणिक कथाओं के अनुसार अयोध्या को अवध के रूप में पहचाना जाता था, जो कौशल राज्य की राजधानी थी। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के जलसमाधि लेने के बाद अयोध्या कुछ समय के लिए उजाड़ हो गई थी, लेकिन कालांतर में उनके पुत्र कुश ने इसे दोबारा बसाया था। हजारों वर्षों के बाद एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर बनने की नींव डलने के अवसर पर श्रद्धालु बहुत खुश हैं और उन्हें उम्मीद है, कि एक बार फिर राम राज्य की स्थापना होगी।