खुद के प्रति रहेंगे ईमानदार, तो हारेगा कोरोना

कोरोना काल है ऐसे में कोरोना हो भी जाए तो घबराएं नहीं, डरें नहीं उस समय आपको केवल WHO व सरकार द्वारा जारी की गाइडलाइन का पालन करना है. एक वाक्य आपने कई बार सुना होगा कि इस दुनिया में कोई भी चीज़ स्थिर नहीं है. यानी कि हर चीज़ का अंत है. इसलिए कोरोना का भी डट कर सामना करें. आज के आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं एक ऐसे योद्धा की जिन्होंने अपनी सूझ बूझ के साथ इस कोरोना को हराया है. आप भी पढ़ें इनके बारे में उम्मीद करते हैं आपका हौसला बढ़ेगा.

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दिल्ली में आई महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित हुए लाजपत नगर के रहने वाले अखिलेश अरोड़ा ने एक अख़बार से बात करते हुए कहा कि’कोविड है तो भी डरें नहीं. डर लगेगा पर उसे हावी न होने दें’. अखिलेश कहते हैं, यह वायरस सिर्फ बीमारी नहीं, ट्रॉमा लेकर आता है और फिर इस महामारी के चलते शरीर में लक्षण बढ़ते हैं, इससे घबराहट होती है. मगर इसी वक्त दिमाग को शांत करना जरूरी है. यही खुद की हीलिंग है.

अखिलेश अरोड़ा ने खुद को एक हीलर बताते कहा कि 5 अप्रैल को उन्हें कोविड के लक्षण आने शुरू हुए तब उन्होंने जांच करवाई, रिपोर्ट पॉजिटिव आई. ऐसे समय में घबराहट होना लाजमी है. परंतु उन्होंने खुद से कहा कि “मैं एक हीलर हूं, जो सामने आता है उसे पहले समझता हूं कि यह क्या है और मेरा शरीर कैसे इसे दूर कर सकता है”. अखिलेश कहते हैं कि 3 साल में पहली बार बीमार हुआ हूं वह भी कोविड के चलते. इस नई बीमारी की वजह से तेज बुखार, बदन दर्द, छाती में कफ, गंध चली गई थी. शुरूआती समय में सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. डर भी लगा, पर मैने खुद ने इस बात को स्वीकार किया कि मुझे कोरोना हुआ है और अब जल्दी से इसे शरीर से निकालना है और जल्द से स्वस्थ होना है. फिर मैने चिकित्सक की सलाह पर दवाई को इमानदारी से ली और नियमित एक्सरसाइज की. यानी कि वह सब किया जिससे शरीर के आस पास का माहौल सकारात्मक बना रहे. ऐसा करने से आप जल्दी कोरोना को मात दे सकते हैं.

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इनकी बातों से यह साफ हो जाता है कि दवाईयों का असर भी तभी करेगा जब आप अपने प्रति इमानदार रहेंगे. क्योंकि इंसान सामने वाले से झूठ बोल सकता है परंतु खुद से झूठ नहीं बोल सकता .