2 जनवरी को ओडिशा के आईआईएम (IIM) संबलपुर में एक आभासी समारोह में भाग लेने के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नवाचार, अखंडता, और समावेश प्रबंधन के क्षेत्र में प्रमुख मंत्र के रूप में उभरे हैं. और इससे देश के “आत्मानिर्भर भारत” के अभियान को बल मिल सकता है और स्टार्टअप्स को लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिल सकती है.
इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल, धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप चंद्र सारंगी ने भाग लिया.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश हर मायने में सक्षम हैं, कोविड -19 में देश ने जिस तरह चुनौतियों का सामना किया काबिले तारीफ है. और “प्रौद्योगिकी प्रबंधन मानव प्रबंधन जितना ही महत्वपूर्ण है,”.
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि स्थानीय उत्पादों में नई प्रबंधन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकी की मदद से वैश्विक पहुंच होगी, साथ ही इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि युवा पीढ़ी का विकास हो.
आज के स्टार्ट-अप कल के मल्टी-नेशनल कॉर्पोरेशन
पीएम मोदी कहते हैं कि “आज के स्टार्ट-अप कल के मल्टी-नेशनल कॉर्पोरेशन हैं,” उन्होंने युवा प्रबंधकों से आग्रह किया कि वे अपने करियर को इस तरह से देखें और बुने, जिससे उनके काम को दुनिया भर में पहचान मिले और इससे देश को भी लाभ पहुंचेगा.
पीएम मोदी ने बताया कि आईआईएम (IIM) संबलपुर से ओडिशा को प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी. हथकरघा और अन्य क्षेत्रों को जबरदस्त अवसर मिलेंगे. इससे लंबे समय तक इनकी पहचान होगी.
वैसे भी देखा जाए तो सरकार शिक्षा संस्थान को मजबूती देने में बहुत समय से लगी हुई है. फिर चाहे वह उच्च संस्थान हों या छोटे शिक्षा संस्थान.
अभी हमने कुछ समय पहले, एक आर्टिकल साझा किया था जिसमें हमने बताया था कि कैसे पढ़ाई को दिलचस्प बनाने के लिए सरकार कैसे-कैसे कदम उठा रही है.