आज फिर एक और महत्वपूर्ण कार्य देश के इतिहास में दर्ज हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखी. सर्वधर्म प्रार्थना के बाद संसद भवन की नींव रखी गई. कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्रियों सहित उद्योगपति रतन टाटा और कई विदेशी राजदूतों ने हिस्सा लिया. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कार्यक्रम आरंभ हुआ और इसके संपन्न होने के बाद शुभ मुहुर्त में प्रधानमंत्री ने परम्परागत विधि विधान के साथ आधारशिला रखी. इस कार्यक्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्री, बड़ी संख्या में सांसद भी शामिल हुए.
सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रही यह चार मंजिला इमारत बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर में फैली होगी और इसे बनाने में कुल 971 करोड़ का खर्च आएगा. संभावना है कि इसका निर्माण कार्य अगस्त, 2022 यानी देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक पूरा कर लिया जएगा. प्रस्तावित भवन में लोकसभा के सदन में कुल 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, वहीं संयुक्त सत्र में इसे 1224 सदस्यों तक बढ़ाने का विकल्प भी रखा जाएगा. राज्यसभा के सदन में कुल 384 सदस्य बैठ सकेंगे और भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसमें भी जगह बढ़ाने का विकल्प रखा जाएगा. वर्तमान में लोकसभा सदन में कुल 543 सदस्य बैठ सकते हैं, वहीं राज्यसभा में कुल 245 सदस्यों के बैठने की क्षमता है.
भूमिपूजन के इस कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे. उन्होंने कहा कि मैं वो दिन कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में मैं पहली बार सांसद के तौर पर संसद भवन पहुंचा था. मैंने लोकतंत्र के इस मंदिर को सिर झुकाकर प्रणाम किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है. उन्होंने देशवासियों से ये प्रण लेने को कहा कि हमारे लिए देशहित से बड़ा और कोई हित कभी नहीं होता.