प्रधानमंत्री का आह्वान, पुरातात्विक स्मारकों को मिलेगी नई पहचान

संस्कृति मंत्रालय ने की सात नए सर्किलों की घोषणा
देश के पुरातात्विक स्मारकों के संरक्षण और पंजीकरण की प्रक्रिया को सुविधाजनक great व मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सात नए सर्किलों की घोषणा की है। यह सर्किल मध्य प्रदेश के जबलपुर में, तमिलनाडु के त्रिची में, उत्तर प्रदेश के मेरठ और झांसी में, कर्नाटक के हम्पी में, पश्चिम बंगाल के रायगंज में और गुजरात के राजकोट में प्राचीन स्थलों के विकास एवं रखरखाव के लिए बनाए गए हैं।
संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रह्लाद पटेल ने ट्वीट करके इस संबंध में जानकारी दी है। मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बताया है कि, ‘संस्कृति मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पुरातात्विक स्मारकों के संरक्षण और पंजीकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए यह कदम उठाया है।“

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यही नहीं मंत्री प्रह्लाद पटेल ने नए क्षेत्रों का विवरण देते हुए वहां नया सर्किल बनाने की आवश्यकता के बारे में भी बताया। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल के साथ अब जबलपुर में नया सर्किल बनाया गया है। इसमें जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभागों के स्मारकों को शामिल किया जाएगा। वहीँ तमिलनाडु में चोल राजाओं के हजारों मंदिर और शानदार यादें हैं। इसलिए उन्हें संरक्षित करने के लिए त्रिची में नया सर्किल बनाया गया है।

पुरातात्विक स्मारकों के लिए प्रसिद्ध कर्नाटक के हम्पी शहर को संस्कृति मंत्रालय ने मिनी सर्किल से पूर्ण विकसित सर्किल में बदल दिया है। साथ ही उत्तरप्रदेश में आगरा और लखनऊ के साथ अब मेरठ और झांसी के लिए भी दो नए सर्किलों की घोषणा की गई है। पश्चिम बंगाल में भी पुरातात्विक स्मारकों के संरक्षण के लिए कोलकाता के साथ रायगंज में नया सर्किल बनाया गया है। वहीँ गुजरात में राजकोट को वडोदरा के साथ एक नए सर्किल के तौर पर घोषित किया गया है।