अब तो अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बनना शुरू हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने लगभग नौ महीने पहले अयोध्या में राम मंदिर बनाने के हक में अपना फैसला सुनाया था. और उसी समय से यहां पर जमीनों के रेट अचानक आसमान छूने लगे थे. और अब पिछले महीने यानि अगस्त में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के बाद अयोध्या में प्रॉपर्टी के रेट फिर से दोगुने हो गए हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से तमाम लोग यहां निवेश कर रहे हैं.
हालांकि कोरोना महामारी के चलते देश के अन्य हिस्सों में और शहरों में प्रॉपर्टी के दाम गिर गए हैं. पर उत्तर प्रदेश का आयोध्या ऐसा शहर हैं जहां प्रॉपर्टी के रेट बीते एक महीने में दोगुने हुए हैं. खासकर राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के बाद तो प्रॉपर्टी के रेट में बड़ा उछाल आया है. वहीं जानकारों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश नौ महीने पहले आया था. उसी समय प्रॉपर्टी के रेट 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ गए थे.
जानकारी के अनुसार इन दिनों ‘अयोध्या में प्रॉपर्टी के रेट 1000 से 1500 प्रति स्क्वॉयरफीट हो गए हैं. वहीं कस्बे के बीच प्रॉपर्टी के रेट 2000 से 3000 रुपये प्रति स्क्वॉयरफीट हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पहले यहां पर जमीन 900 रुपये स्क्वॉयफीट पर आसानी से मिल जाती थी.
देश के कई नामी गिरामी उधोगपति भी अयोध्या में निवेश करना चाहते हैं, और उन्होंने सरकार के समक्ष अपने इच्छा जाहिर की है. सरकार की तरफ से भी अयोध्या में कई बड़ी बड़ी परियोजनाएं शुरू की गईं हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने से लेकर थ्री स्टार होटल और कई इंफ्रास्ट्रक्टर प्रॉजेक्ट की घोषणा की है. सीएम की घोषणा के बाद अचानक अयोध्या में जमीनें खरीदने वालों की संख्या बढ़ गई है. कई कारोबारी निवेश के लिए और अपना प्रॉजेक्ट शुरू करने के लिए जमीनें खरीदना चाहते हैं.
अगर जानकारों की मानें तो अयोध्या में प्रॉपर्टी के मामले में ये हलचल पिछले साल नवम्बर के महीने में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शुरू हुई है. कहा जाता है कभी यहाँ यहां पर सुविधाओं की कमी के चलते शहर के बाहर जमीनों के रेट 300 से 450 रुपये प्रति स्क्वॉयरफीट हुआ करते थे. पर बीते कुछ दशकों से अयोध्या राजनीति का केंद्र है. पर अब लोगों को लगने लगा है आने वाले दिनों में अयोध्या देश के ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन शहरों में से एक में शुमार होने वाला है.
अयोध्या में सरकार भी कई प्रॉजेक्ट शुरू करने के लिए जमीनें अधिग्रहीत कर रही है. कहा जा रहा है कि कई लोग इस कारण भी जमीनें खरीद रहे हैं कि, वो जमीन खरीदकर सरकार को देंगे और उससे उन्हें मुनाफा होगा. कुछ लोग संपत्ति वास्तव में धार्मिक उद्देश्य के लिए चाहते हैं. वे चाहते हैं जमीनों पर धर्मशाला, सामुदायिक किचन और जन सुविधाएं मुहैया करवाएं. इन सभी गतिविधियों से यही लगता है कि, आने वाले दिनों में अयोध्या में प्रॉपर्टी के रेट और भी कई गुना तक बढ़ सकते हैं.