आज रक्षा बंधन है, भाई बहन के रिश्ते का सबसे पवित्र त्यौहार| हिन्दू धर्म में इसे बहुत बड़ा त्यौहार माना जाता है| आज श्रावण का सोमवार भी है, ये बहुत ही शुभ संयोग है. हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार अगर रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी राखी बाँधी जाए, तो इंसान के भाग्य का भी उदय हो जाता है. ImageSource
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य राजेश चित्रकूटी के अनुसार, एक बात का आज विशेष ध्यान रखना चाहिए, सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक भद्राकाल है, इस समय को शुभ नहीं माना जाता, और इसी तरह 7 बजे से लेकर 9 बजे तक राहुकाल है. इसे भी बहुत अशुभ माना जाता है, तो 9 बजकर 29 मिनट से पहले राखी बांधना शुभ नहीं होगा.
आज के दिन के लिए ये शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा, और रात के 9 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. रक्षाबन्धन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, और उसके बाद देवताओं और पितरों को तर्पण करना चाहिए, नारियल और अक्षत उन्हें अर्पित करने उनकी पूजा करना चाहिए. और फिर भगवान को भी राखी अर्पित करना चाहिए, और उसके बाद बहनों द्वारा अपने भाइयों को राखी बांधना चहिये.
राखी बाँधने से पहले बहनें अपने भाइयों के हाथ में नारियल रखें, और उसके माथे पर तिलक करें, और फिर भाई की कलाई पर राखी बांधें. जब बहनें राखी बाँध दें, उसके बाद भाइयों द्वारा अपनी बहनों को भेंट स्वरूप अवश्य कुछ देना चाहिए.
पौराणिक कथाओं के अनुसार रक्षा बन्धन के त्यौहार के लिए कुछ कहानियां प्रचलित हैं. जिनमें से एक के अनुसार एक बार जब देवताओं और असुरों में युद्ध हुआ तो असुरों ने देवों को पराजित कर दिया, इसके बाद देवताओं के राजा अपने गुरु ब्रहस्पति के पास गए, ब्रहस्पति देव ने उन्हें रक्षाबंधन के बारे बताते हुए कहा कि, इस रक्षा सूत्र से किसी भी तरह का भय नहीं रहता और हर कार्य में विजय होती है. उसके बाद इन्द्रदेव की पत्नी देवी इन्द्रानी ने ब्राह्मण को बुलाकर विधि विधान के साथ इन्द्रदेव की कलाई पर ब्राहमण द्वारा रक्षा सूत्र बंधवाया. और उसके बाद इन्द्रदेव ने असुरों से युद्ध किया, उस युद्ध में उन्हें विजय प्राप्त हुई, और इन्द्रासन प्राप्त हुआ. ImageSource
हर वर्ष श्रावण की पूर्णिमा के दिन रक्षाबन्धन मनाया जाता है, कहते हैं, बहन के हाथों राखी बांधे जाने के बाद भाइयों को कम से कम एक पक्ष तक इसे बांधकर रखना चाहिए. और राखी हाथ से निकलने के बाद जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.