500 साल के संघर्ष का अंत है ये, सम्पूर्ण मानवजाति का सौभाग्य है ये

ये तो सबको पता है अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन 5 अगस्त को होने वाला है. उसमें शामिल होंगे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी. मंदिर के शिलान्यास के इस पावन अवसर पर कई संत – महंत, संघ और विश्व हिन्दू परिषद् पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे. और जैसे ही ये शुभ कार्य संपन्न होगा, मंदिर निर्माण के कार्य में तेज़ी आ जाएगी. अब जो राम मंदिर बनेगा, वो अद्भुत होगा, पूरी दुनियां में रामजी का सबसे बड़ा दरबार होगा. जब यह बनकर तैयार होगा, तो बहुत भव्य और दिव्य होगा.

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ये हम सबके लिए परम सौभाग्य है, सम्पूर्ण मानवजाति के जीवन काल में एक बार आता है ये मौका, जो सालों में नहीं, सदियों में नहीं, युगों में आता है. कई सदियों का संघर्ष था ये, श्रीराम स्वयं इस संघर्ष में शामिल थे, सनातन धर्म की कई पीढ़ियों ने इसके लिए जीवन भर संघर्ष किया, तब जाकर ये मौका आया है. आज जी पीढ़ी भी बहुत सौभाग्यशाली है, जो उसे ए सब देखने को मिला, भारतवर्ष के इस गौरवशाली इतिहास में ये पहली बार हुआ है, जब सब लोग इंतज़ार कर रहे हैं, बेसब्री है, और चाहते हैं, जल्दी से वो घड़ी आ जाये, जिसमें कोई नहीं हो, न मैं, न तुम, न संसार, केवल हों श्रीराम हों, उनका नाम हो, जो हमेशा से इस धरती पर रहने वाले सारे प्राणियों की जीवनशक्ति हैं, जिनके नाम से बड़ा और कुछ भी नहीं, जो ब्रह्माण्ड हैं, जो अंत हैं, अनंत हैं, और निर्माण है.

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जीवन अनवरत है, कभी रुकता नहीं है, पर जिस जीवन में श्रीराम का नाम नहीं है, उसका कोई अस्तित्व भी नहीं है, इंसानी काय क्षणिक है, माया भी क्षणिक है, सब पीछे छूट जाता है, सब यहीं रहता है, अस्तित्व बनते हैं, बिगड़ते हैं, और श्रीराम फिर से निर्माण करते हैं. ए उसी संस्कृति का निर्माण है, उसी परम्परा का निर्वाह है, जो श्रीराम हमने देकर गए हैं. और अब हम सब समर्पित हैं, उस उत्सव में, सम्पूर्णता से, जो हमारा उत्सव है, श्रीराम का उत्सव है.