जिस मुहूर्त में श्रीराम ने जन्म लिया, उसी में होगा मंदिर का शिलान्यास

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न करने की तैयारियों पर काम चल रहा है, और इसके लिए आगामी 5 अगस्त की जो तारीख तय हुई है, उसकी एक ख़ास बात है. असल में उस दिन एक ऐसा मुहूर्त है, जो हर तरह से पूर्ण रूप से शुभ है. एक तो उस दिन धनिष्ठा नक्षत्र है, जो ज्योतिष के हिसाब से वैसे ही बहुत शुभ माना जाता है, और उस पर भी बन रहा है अभिजीत मुहूर्त. जो होगा 48 मिनट के लिए, जो दिन के 12 बजे से थोड़ा पहले शुरू होगा और उसके बाद 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषीय गणना के हिसाब से आज तक अभिजीत मुहूर्त में जो भी कार्य हुए हैं, उनकी सफलता निश्चित हुई है, ये कार्य सिद्धि के लिए बहुत शुभ योग माना जाता है. ImageSource

धर्म शास्त्रों के अनुसार श्रीराम का जन्म भी इसी अभिजीत मुहूर्त में हुआ था. और वो आज तक इस धरती के सबसे बड़े अवतारी पुरुष हुए हैं, और स्वयं नारायण का स्वरूप थे. समय बीता, राम राज्य के बाद और कई राज्य आये और गए, लेकिन तबसे लेकर आज तक मानव ह्रदय केवल राम राज्य की ही कल्पना करता है. वैसा ही जीवन, वैसी ही न्यायप्रियता, सच्चरित्रता, ये संयोग नहीं था, विधि का विधान था, श्रीराम धरती पर मानव जाति के लिए सदा सदा के लिए आदर्श स्थापित करने के लिए आये थे, एक राजा के कैसे गुण होते हैं, ये समझाने आये थे, सत्ता होते हुए भी संत की तरह कैसे जीवन जिया जाता है, ये बताने आये थे.

 

 

युग बदल गए, लेकिन युगों युगांतर तक धरती पर श्रीराम ही रहेंगे, लोग आयेंगे, जायेंगे, सभ्यताएं आएँगी, जायेंगी, पर संस्कार श्रीराम के ही रहेंगे. अभिजीत मुहूर्त में जन्म लेना बहुत बड़ा सौभाग्य है. लेकिन अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम का जन्म लेना उस मुहूर्त का सौभाग्य है. और यही एक बार फिर होने जा रहा है, राम मंदिर के निर्माण के लिए यही मुहूर्त निकला गया है, और ये भी संयोग नहीं है, विधि का विधान है.