बेहद मजबूत होगा राम मंदिर, कंक्रीट और पत्थरों का हो रहा है इस्तेमाल

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है. तैयारियां ऐसीं हैं कि, इसे दुनियां के भव्यतम मंदिरों में से एक बनाया जा रहा है. और होगा भी क्यों नहीं, ये हम सबके आराध्य का मंदिर है. ये भव्य भी होगा और दिव्य भी. श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले इस मंदिर को दुनिया देखती रह जाएगी. इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. मंदिर को इतना मजबूत बनाया जा रहा है कि, प्राकृतिक आपदाओं से भी इसकी रक्षा हो सके. मंदिर का निर्माण कंक्रीट और पत्‍थरों से होगा, जो अपनी भव्‍यता को प्रदर्शित करेगा. किसी भी जगह लोहा या सरिया का प्रयोग नहीं होगा. क्योंकि लोहे में जंग लगने का डर रहता है. और किसी भी निर्माण की आयु इसकी वजह से कम हो जाती है.

ImageSource

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपतराय के अनुसार अभी पाइलिंग का काम चल रहा है. परीक्षण के लिए सिर्फ दो जगहों पर पाइलिंग कराई गई है. एक महीने बाद उसकी मजबूती जांची जाएगी. सब ठीक रहा तो आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. मंदिर निर्माण के लिए कुल 1200 पिलर बनेंगे. इन पिलर के निर्माण के लिए जो पाइलिंग की गई है वह एक मीटर घेरे की है. पिलर की गहराई भी 100 फिट रहेगी. इसके कंक्रीट का प्लेटफार्म बनाया जाएगा, जिसकी मोटाई पांच फीट होगी.

मंदिर का गर्भ गृह यथावत रहेगा. पांच अगस्त के दिन जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन किया था, वही मंदिर का गर्भ गृह है. उस स्थान में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. पहले मंदिर ट्रस्ट के पास सिर्फ 1500 वर्ग गज जमीन थी. श्रीराम मंदिर के लिए पहले बनाया गया नक्शा उसी के अनुसार था. अब उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ज़मीन का क्षेत्रफल 70 एकड़ का हो गया है. जिसे देखते हुए मंदिर के डिजाइन में मामूली बदलाव किया गया है. लेकिन मंदिर का मूल स्वरूप उसी तरह दिखेगा. अब मंदिर तीन एकड़ में बनेगा.

श्री चम्पत राय के अनुसार मंदिर मजबूत रहे और भूकंप आदि का भी असर न पड़े उसके लिए अभी परीक्षण चल रहा है. निर्माण कराने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो आइआइटी चेन्नई व सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की के साथ काम कर रही है. निर्माण विशेषज्ञ इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि सीमेंट के साथ राख व अभ्रक किस अनुपात में मिलाएं कि मजबूती अधिक रहे. बहरहाल मंदिर के निर्माण के लिए हर कसौटी को जांचा परखा जा रहा है. किसी भी तरह की कोई गुंजाइश नहीं रहे इसके लिए नामी गिरामी वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है. उम्मीद है, बहुत जल्दी राम भक्तों को उनके आराध्य प्रभु राम का अद्भुत मंदिर देखने को मिलेगा, जिसकी पूरी दुनिया प्रतीक्षा कर रही है.