महत्वपूर्ण औषधि है रीठा, माइग्रेन की समस्या को करती है दूर

रीठा एक माध्यम आकार का पेड़ है जो जंगलों में और उसके आसपास पाया जाता है। आयुर्वेद में रीठा को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। रीठा एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिससे कई रोगों का इलाज किया जा सकता है। खासकर बालों के लिए रीठा अमृत के समान है। रीठा के फलों में सैपोनिन, शर्करा और पेक्टिन होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। रीठा का वानस्पतिक नाम सेपिंडस एमार्जीनेटस है।
रीठा का ज्यादातर उपयोग बाल और त्‍वचा की सुंदरता के लिए किया जाता है। दुनियाभर में बालों और त्वचा की खूबसूरती के लिए बनाए जाने वाले उत्पादों में रीठा का उपयोग किया जाता है। बालों में उपयोग करने के लिए रीठा को रातभर भिगोकर उसमें शिकाकाई पाउडर डाला जाता है। इस मिश्रण को बालों में लगाने से बाल चमकदार और मुलायम बनते हैं। साथ ही बालों से जुड़ी अन्य समस्याओं से भी निजात मिलती है।

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माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए भी रीठा का उपयोग किया जाता है। इसके फलों से बने रस की 4-5 बूंदे नाम में डालने से माइग्रेन और सिर दर्द ठीक होता है। आदिवासी सिर दर्द या माईग्रेन दूर करने के लिए रीठा के फल से बने चूर्ण को सूंघते हैं। रीठा के बीच को सेंककर और उसके चूर्ण में फिटकरी मिलाकर दांतों पर लगाने से दांतों से जुड़े रोग दूर होते हैं। साथ ही सूजन कम करने में भी रीठा बहुत ही उपयोगी है।

रीठा में एंटी-एलर्जनिक होता है जो हमारी त्वचा को एलर्जी से बचाता है। मुंहासे दूर करने में भी रीठा उपयोगी है। सांप या बिच्छू के जहर को निकालने के लिए भी रीठा का इस्तेमाल किया जाता है। इन सब के अलावा रीठा का उपयोग घरेलू उपयोग के लिए भी किया जाता है। पुराने आभूषणों की सफाई या कपड़े व बर्तन धोने के लिए रीठा उपयोगी है। कपड़े व बर्तन धोने में रीठा का उपयोग करने से त्‍वचा को नुकसान नहीं होता है।

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इस तरह रीठा के अनेक फायदे हैं। वहीं अगर इसके नुकसान की बात करें तो इसे आंखों से दूर रखना चाहिए। यह आंखों के नुकसानदायक हो सकता है। इसके अलावा रीठा का अधिक उपयोग करने से भी बचना चाहिए। इसका उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह भी जरूर ले।