विजयादशमी पर संघ प्रमुख ने चीन को दी चेतावनी, कहा अब भारत पहले वाला नहीं

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्थापना दिवस व विजयादशमी उत्सव के अवसर पर सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने स्वयंससेवकों को संबोधित किया. हर साल की तरह इस बार भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेडक्वॉर्टर नागपुर में शस्त्र पूजा की गई, इस खास मौके पर आरएसएस में शस्त्र पूजा का विधान है. आरएसएस के फेसबुक, ट्विटर व यूट्यूब पर इसे ऑनलाइन प्रसारित किया गया. कोरोना संकट को देखते हुए इस बार के विजयादशमी कार्यक्रम को लेकर कई अहम बदलाव किए थे. संघ प्रमुख ने इस अवसर पर स्वयंसेवकों और देशवासियों को संबोधित करते हुए कई अहम बातें कहीं हैं. उन्होंने भारत और चीन के सन्दर्भ में बात करते हुए कहा, कि चीन भारत के जवाब से सहम गया है. चीन के साथ-साथ भारत की ओर गलत नजर से देखने वाले देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि हम सभी से मित्रता चाहते हैं, यह हमारा स्वभाव है, परंतु हमारी सद्भावना को दुर्बलता मानने की हिम्मत न करें. अपने शक्ति प्रदर्शन से भारत को कोई देश नचा नहीं सकता या झुका नहीं सकता है.

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चीन के ध्यान में यह बात आ जाना चाहिए कि अब ये भारत पहले वाला नहीं है. उसके रवैये में भी सुधार हो जाना चाहिए. रविवार को संघ के स्थापना दिवस पर स्वयंसेवकों के साथ-साथ पूरे देश को संबोधित कर रहे थे.

डा. मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना वायरस के संदर्भ में चीन की भूमिका तो संदिग्ध रही ही है, परंतु जिस तरह से भारत की सीमाओं पर उसने अतिक्रमण का प्रयास किया, वह पूरा विश्व देख रहा है. इस परिस्थिति में सरकार, सेना एवं देश की जनता ने अपने स्वाभिमान, दृढ़निश्चय एवं वीरता का जो परिचय दिया है, उससे चीन बौखला गया है.

आगे बात करते हुए उन्होंने कहा, कि श्री रामजन्म भूमि पर सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय देकर इतिहास बनाया. मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन भी हो गया. उस दिन पूरे देश में हर्षोल्लास का वातावरण था. उन्होंने कहा कि पिछले विजयादशमी से लेकर अभी तक चर्चा योग्य घटनाएं कम नहीं है.

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विजयादशमी पर्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा ये संघ का स्थापन दिवस भी है. इस अवसर सबसे पहले शस्‍त्र पूजन किया गया, और श्री मोहन भागवत ने संघ के संस्थापक डॉ. हेडगवार जी को श्रद्धांजलि अर्पित की.