थाईलैण्ड का एक अद्भुत मंदिर,जो बना है सिर्फ लकड़ी से, नहीं हुआ है कील का इस्तेमाल

थाईलैंड के पटाया में एक धार्मिक स्थल है. जिसका नाम है ‘सेंचुरी ऑफ ट्रुथ’. जानकारी के अनुसार बौद्ध और हिंदू परम्पराओं की तर्ज पर बने इस मंदिर को पूरी तरह से लकड़ियों से बनाया गया है. बड़ी बात ये है इस मंदिर में एक भी कील का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस मंदिर में द्रविड़, चीनी, सोम द्वारवती, श्रीविजयन और थाई कलाओं का मिश्रण देखने को मिलता है. इस बौद्ध मंदिर की मुख्य शैली थाई वास्तु कला पर आधारित है.

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इस मंदिर में बौद्ध और हिंदू देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गईं हैं और यह सारी मूर्तियां भी लकड़ियों से बनी हैं. इस मंदिर से लोगों को प्राचीन संस्कृति और ‌कला का एहसास होगा. इस परिसर में आने वाले लोगों को प्राचीन जीवन, मूल विचार, जीवन चक्र और इंसान की जिम्मेदारियों का पता लगेगा. इस मंदिर का निर्माण 1981 मे हुआ और यह मंदिर थाई व्यवसायी लेक विरीफानेंट ने बनवाया था. वैसे अभी भी इस मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है, और माना जा रहा है कि 2025 तक यह पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. इस मंदिर की ऊंचाई 105 मीटर है.

इस मंदिर में पौराणिक कथाओं का चित्रण भी दर्शाया गया है.
यह मंदिर 3200 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. इस मंदिर मे चार गोपुरम हैं जो बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, चीन, और थाईलैंड की पौराणिक कथाओं की छवियों से सजाए गया है. और खास बात ये है कि मंदिर की दीवारों पर जिन मूर्तियों को गढ़ा गया है उन्हें भी बिना कील के उपयोग के बनाया गया है. जानकारी के अनुसार दीवारों पर नक्काशी करने के लिए हथौड़ी और छैनी का इस्तेमाल किया गया है.

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इस मंदिर को इस तरह बनाया गया है कि सूरज की रोशनी मंदिर में प्रवेश कर सके. मंदिर की चारों दिशाओं में बड़े-बड़े दरवाजे बनवाए गए हैं. क्योंकि मंदिर में कृत्रिम प्रकाश की व्यवस्था नहीं हैं ऐसे में संध्या के समय मंदिर के अंदर अंधेरा हो जाता है और यह अंधेरा डराता नहीं सुकून देता है. इस मंदिर से सूर्यास्त को देखने का नजारा कुछ अलग तरह का है.