उन्हें कोई ज़रुरत नहीं थी ऐसा करने की, लेकिन फिर भी करते हैं, दुनिया की हर कम्पनी अपने कर्मचारियों को सैलरी देती है, वो भी देते हैं,. हमारे देश में दीवाली पर बोनस देने की परंपरा है, जिसे छोटी छोटी कंपनियों से लेकर बड़े बड़े कॉर्पोरेट हाउस तक निभाते हैं, और बोनस में salary के अलावा कुछ न कुछ गिफ्ट देते हैं, या फिर छोटा मोटा सा अमाउंट. पर हम जिनकी बात कर रहे हैं, वो अपने कर्मचारियों को ऐसा बोनस देते हैं, उससे ये साबित हो जाता है, कि वो इस देश में सबसे बड़े दिलवाले बॉस हैं.
ये उस शहर के एक कारोबारी की कहानी है, जो पूरी दुनिया में हीरों के कारोबार के लिए मशहूर है.
यहाँ मैं सूरत के हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया के बारे में बात कर रहा हूँ….जिन्होंने सन 2018 में दीवाली पर अपने डेढ़ हज़ार कर्मचारियों को मालामाल कर दिया. 900 एम्प्लाइज की बैंक में FD करवाकर उन्हें future की चिंता से ही मुक्त कर दिया..और 600 एम्प्लाइज को महंगी कारें गिफ्ट कीं..अरे भैया उनके इस काम की तो खुद हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुत तारीफ़ की, और अपने हाथ से कुछ एम्प्लाइज को कार की चाबियां सौंपी..कितनी बड़ी बात है न..असल में देखा जाए तो बड़ी बात से भी ज्यादा बड़ा दिल है..कोई ज़रूरत नहीं थी इतना करने की..Salary तो वो दे ही रहे थे..लेकिन फिर भी किया..अब इसका फायदा ये है, आज वो लोग अपने बॉस के इशारे पर रात दिन बिना रुके पूरी ख़ुशी से काम करने के लिए तैयार रहते हैं..
सूरत की डायमंड कंपनी श्री हरे कृष्णा एक्सपोर्ट पूरी दुनिया में मशहूर है, और इस कंपनी से भी ज्यादा मशहूर हैं इसके मालिक, डायमंड किंग सावजी भाई ढोलकिया. दीवाली पर दिल खोलकर बोनस देने वाले इस बॉस ने ऐसा एक बार नहीं बल्कि बार बार किया.. तो भैया आपको बताते हैं, कि आखिर ये सावजी भाई ढोलकिया हैं कौन? इनकी कहानी भी किसी फिल्म से कम नहीं है.
सावजी भाई ढोलकिया का जन्म गुजरात के अमरेली जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था. पढाई में मन नहीं लगा तो 13 वर्ष की उम्र में ही सूरत भाग गए और एक छोटी से फैक्ट्री में काम करने लगे. सूरत से पांच-छह महीने में लौटकर जब ये घर पहुंचे तो इनके पिता ने पढ़ने के लिए समझाया लेकिन इन्हें पढ़ाई से डर लगता था. और वो फिर सूरत चले गए और इसी तरह दो-तीन बार किया. सूरत की एक फैक्ट्री में वह 179 रुपये प्रति माह पर नौकरी करने लगे जिसमें खाने-पीने में 140 रुपए खर्च करने के बाद 39 रुपये बचा करते थे. सावजी भाई ने करीब 10 साल तक हीरा घिसने का काम किया और फिर अपने चाचा से कर्ज लेकर हीरे का कारोबार शुरू कर दिया.
अपनी जी तोड़ मेहनत से वो अपनी कंपनी को इतनी उंचाई तक ले गए हैं कि, 1991 कंपनी का कारोबार मात्र एक करोड़ का था तो मार्च 2014 तक 2100 करोड़ तक पहुंच गया है. अभी इस कंपनी में 6,000 कर्मचारी काम करते हैं और इसकी ज्वेलरी अमेरिका, चीन, हांगकांग समेत 71 देशों में एक्सपोर्ट की जाती है. दुनिया के सात देशों में खुद के आउटलेट्स हैं. इसके अलावा दुनिया भर के 5000 हजार शोरूमों में इनका हीरा उपलब्ध है. उनकी पत्नी का नाम गौरीबेन एस ढोलकिया है. उनकी दो बेटियां और एक बेटा है, जिनका नाम- मीणा सिमेदिया, निमिशा ढोलकिया और द्रव्य ढोलकिया है.
सबसे पहले सावजी ढोलकिया साल 2011 में चर्चा में आये थे. तब उन्होंने अपने कर्मचारियों को इतना बोनस दिया, जिसे देखकर लोगों की आँखें फटी रह गईं. इसके बाद साल 2015 में उन्होंने अपने कर्मचारियों को 491 कारें और 200 फ्लैट गिफ्ट में दिए. अपने दो कर्मचारियों को तो उन्होंने मर्सडीज गाड़ियाँ भी गिफ्ट में दी हैं. उनका कहना है कि कर्मचारी से ऐसे काम लिया जाए, ऐसी सैलरी दी जाए जिससे की वह खुशी के साथ काम करे. उनका कहना है किसी कर्मचारी पर उनका ध्यान सिर्फ उसकी ख़ुशी पर केंद्रित होता है और कर्मचारियों का ध्यान कंपनी को प्रॉफिट दिलाना. इतना ही नहीं वह कहते हैं उनकी कोशिश होती है कि वह अपने कर्मचारी से ऐसा व्यवहार करें जैसे अपने बेटे से करते हैं और इसकी जरा भी परवाह नहीं करते कि वह काम सीख जाएगा तो अपना बिजनेस शुरू कर देगा.
सावजीभाई ढोलकिया की माँ उन्हें बचपन से समझाया करती थीं, वो कुछ भी काम करें, पर अच्छे आदमी बनें. और इसके बाद तो उन्होंने भी ठान लिया कि अब अच्छा आदमी ही बनना है. सच में..मान गए बॉस आप वाकई बड़े दिलवाले हो..