मनुष्य के जीवन में ग्रह नक्षत्रों का बेहद प्रभाव होता है. हर ग्रह का अपना विशेष फल होता है. लेकिन इन सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा प्रभावशाली होता है शनि ग्रह. शनि कर्मों का फल देने वाले होते हैं. शनि के प्रभाव से आज तक कोई नहीं बाख पाया, ये बुरा ही नहीं बहुत अच्छा फल भी देते हैं. जीवन में जब भी इंसान का कोई कार्य बाधित होता है, या बिगड़ जाता है, तो अनायास ही मुंह से निकलता है, शनिदेव का प्रभाव है, लेकिन अच्छा होने पर कोई नहीं कहता कि, शनिदेव की कृपा है, जबकि सच्चाई यही है, कि शनिदेव अपने कृपा सब पर बराबर बरसाते हैं. अच्छे कर्म वालों को अच्छा फल मिलता है, और बुरे कर्म वालों का बुरा फल.
वैसे नौ ग्रहों में सबसे धीमी चाल से चलने वाला शनिग्रह को ही माना जाता है. क्योंकि वो सबका जायजा लेते हुए चलते हैं. अभी शनि ग्रह श्रवण नक्षत्र में है. इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है. यहां शनि 18 फरवरी 2022 तक रहेगा. न्याय के देवता शनि के नक्षत्र परिवर्तन का शुभ-अशुभ असर सभी राशियों पर हो रहा है. चंद्रमा और शनि के इस योग के कारण ही मौसम में भी लगातार बदलाव हो रहे हैं. कहीं भयानक बाढ़ है, तो कहीं लगातार बारिश हो रही है.
ज्योतिष के अनुसार शनि ढाई साल में एक बार राशि बदलता है. इस दौरान कुछ महीने वक्री भी रहता है. यानी इतनी धीमी चाल से चलता है कि धरती से देखने पर लगता है, ये ग्रह पीछे की ओर चल रहा है. सबसे धीमा ग्रह होने की वजह से इसका अच्छा और बुरा असर ज्यादा समय तक रहता है. साढ़ेसाती, ढैय्या और अपनी दृष्टि से शनि सभी राशियों को प्रभावित करता है. तो शनि देव के फल से बचने से लिए अपने कर्मों का बही खाता सही रखिये..क्योंकि शनि के घर में देर है, लेकिन फिर जो कुछ भी मिलता है वो कर्मों का फेर है.