इस बार सभी त्योहारों के लिए करनी होगी थोड़ी और प्रतीक्षा

आज 6 जुलाई से श्रावण माह का प्रारम्भ हो चुका है, ये महीना काफी धार्मिक महत्व वाला होता है, हालाँकि ये चातुर्मास में आता है, और इन चार महीनों के लिए सभी शुभ कार्यों को रोक दिया जाता है। इस बार चातुर्मास 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी से ही प्रारंभ हो चुके हैं, और ये देवउठनी एकादशी तक चलेंगे। लेकिन हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार इस बार 1 महीने का अधिकमास भी चातुर्मास के साथ आया है, इसलिए चातुर्मास चार महीने के बजाय 5 महीने तक चलेंगे।

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चातुर्मास ख़तम होने के बाद यानि देवउठनी एकादशी से फिर से सारे शुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं, और इस बार देवउठनी एकादशी 25 नवम्बर के दिन होगी। हालांकि श्राद्ध पक्ष के तुरंत बाद हिन्दू त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है| इनमे नवरात्रि, दशहरा, दीवाली ये सब शामिल हैं, लेकिन इस बार ये सभी त्यौहार लगभग 20 से 25 दिन देरी से आयेंगे।

इस बार श्राद्ध 17 सितम्बर 2020 को ख़तम होंगे, पर उसके बाद नवरात्रि शुरू नहीं होगी, क्योंकि उसके अगले ही दिन 17 सितम्बर से अधिकमास शुरू हो जायेंगे, जो 16 अक्टूबर तक चलेंगे। और उसे बाद 17 अक्टूबर से नवरात्रि प्रारंभ होगी, 26 अक्टूबर को दशहरा और 25 नवम्बर को दिवाली का त्यौहार आएगा।

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अधिकमास को शुभ कार्यों के लिए सही नहीं माना जाता, इस पूरे महीने में सूर्य संक्रांति नहीं होती इसलिए ये माह मलिन हो जाता है। इसलिए इसे मलमास भी कहा जाता है। और मलमास में विवाह, गृह प्रवेश, और नई वस्तुओं की खरीदी जैसे कार्य नहीं किये जाते।

धार्मिक मान्यता है कि, देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु के विश्राम करने का समय होता है। और इन चार महीनों में सृष्टि का संचालन भगवान भोलेनाथ करते हैं, देवउठनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु फिर से सृष्टि का भार सम्हाल लेते हैं।