अलग अलग रीति रिवाजो, परम्पराओं और मान्यताओं का देश है भारत वर्ष, त्यौहार तो सबके एक ही हैं, पर कई जगह उन्हें मनाने का तरीका अलग है. इष्ट सबके एक ही हैं, पर पूजन का विधान अलग है. और इस देश की इन्हीं विविधताओं में कई रंग हैं.
ऐसे तो श्रावण माह की शुरुआत 6 जुलाई से हो चुकी है, पर देश के कई हिस्सों में अब तक सावन का महीना शुरू नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार हिन्दू पंचांग में इस तरह का आंकलन होता है जिसके कारण हर वर्ष दक्षिण भारत और पश्चिम भारत में श्रावण हमेशा 15 दिन की देरी से शुरू होता है.ImageSource
इस महीने में विशेष रूप से भगवान शंकर की पूजा की जाती है. और शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंगों वाले सभी मंदिरों में श्रधालुओं की काफी भीड़ होती है. लेकिन अगर हिन्दू पंचांग के हिसाब से देखा जाए तो केवल 5 ज्योतिर्लिंगों के लिए ही अभी श्रावण मास की शुरुआत हुई है, बाकी के 7 ज्योतिर्लिंगों के लिए इस महीने की शुरुआत 21 जुलाई से होगी.ImageSource
मान्यता के अनुसार हिन्दू पंचांग के हिसाब से पूर्व, मध्य और उत्तरभारत के ज्यादातर राज्यों में पूर्णिमा के बाद की तिथि से नए माह की शुरुआत होती है, पर पश्चिम और दक्षिण भारत में अमावस्या के अगले दिन से नए माह का प्रारंभ होता है. और यही कारण है कि, हर वर्ष महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और दक्षिण भारत के बाकी राज्यों में सावन माह 15 दिन की देरी से शुरू होता है. इस तरह महाकाल, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ और वैधनाथ धाम के ज्योतिर्लिंगों के लिए तो सावन का महीना प्रारम्भ हो चुका है, पर सोमनाथ, नागेश्वर, भीमाशंकर, त्रयम्बकेश्वर, घ्रुश्मेश्वर, मल्लिकार्जुन और रामेश्वरम के ज्योतिर्लिंगों में 21 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है.
बहुत ही आश्चर्य की बात है कि, किसी भी माह में आने वाले त्योहारों की तिथियों में कोई भी अन्तर नहीं है. पूरे देश में हर त्यौहार की तारीख एक है, फिर भी श्रावण का महीना कई जगह अलग अलग तिथियों को शुरू होता है. आखिर यही तो सुन्दरता है इस देश और सनातन संस्कृति की, जो हमें आपस में जोड़कर रखती है.