आज 14 अक्टूबर, गुरूवार को शारदीय नवरात्रि के समापन का दिन यानि नवमी है. माता रानी का व्रत जीवन में शान्ति, समृद्धि के साथ यश और वैभव लेकर आता है. सभी भक्त इन पवित्र दिनों में नियम कर्मों का पूरी तरह पालन करते हैं, और कई घरों में पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योत जलती है.
माता रानी के भक्त नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करते हैं और नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ व्रत का पारण यानि समापन भी किया जाता है. कुछ लोग अष्टमी पूजन के बाद व्रत का पारण करते हैं तो कुछ लोग नवमी पूजन के बाद कन्या पूजन करते हैं और उसके बाद उनका व्रत पूरा होता है. इस बार 15 अक्टूबर, विजय दशमी के दिन व्रत का पारण किया जाएगा. किसी भी व्रत का फल उसके पूर्ण होने के बाद ही मिलता है. इस बार नवमी तिथि, 13 अक्टूबर बुधवार को रात 08 बजकर 09 से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर, गुरुवार को शाम 06 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए नवमी का पूजन 14 अक्टूबर को किया जाएगा. नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की उपासना का अत्यंत महत्व है. आपकी पूजा अतिशुभ फलदायी हो इसके लिए हम यहां आपको बता रहे हैं अष्टमी और नवमी व्रत पूजा के लिए शुभ मुह्रूर्त.
अष्टमी व्रत तिथि
वैसे तो अष्टमी तिथि 12 अक्टूबर को रात के 9:45 बजे से ही शुरू है लेकिन उदया तिथि 13 अक्टूबर को होने के कारण यह व्रत इसी दिन रखा जाएगा.
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
अमृत काल : सुबह 3:23 बजे से अगले दिन सुबह 4:56 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त : सबुह 4:48 बजे से अगले दिन सुबह 5:36 बजे तक
आप सब भी अपने घरों में पूजन करते समय इन शुभ मुहूर्त का अवश्य ध्यान रखें, इससे आपकी पूजा बहुत शुभ फलदायक होगी.