शाही शान के लिए मशहूर था श्योपुर का ऐतिहासिक किला

भारत में लगभग हर इलाके में कोई पुराना किला या महल मिल जाएगा। इसका कारण यह था कि हमारा देश कई छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था। यहां अनेक राजा थे जिन्होंने अपनी और प्रजा की सुरक्षा के लिए किले बनवाए थे। ऐसा ही एक किला है राजस्थान की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में। सीप नदी के किनारे बसे श्योपुर का किला काफी जर्जर हो चुका है लेकिन पुरातत्व विभाग इसे फिर से संवार रहा है। कभी ये क़िला अपनी शाही शान के लिए मशहूर था।

कहा जाता है कि जयपुर राजघराने के सामंत गौड़ राजपूत के प्रमुख इंद्रसिंह द्वारा श्योपुर शहर और उसके किले की स्थापना ई.1537 में की थी। गौड़ राजपूत भगवान शिव के उपासक थे, इसलिए कस्बे में कई शिव मंदिरों का निर्माण किया गया।

अब श्योपुर के ऐतिहासिक किला का पुराना वैभव फिर लौटने लगा है। पुरातत्व विभाग द्वारा वर्ल्ड मॉन्युमेंट फंड के माध्यम से किले का मेंटेनेंस कराया जा रहा है। इसके चलते किले के महल और इमारतें फिर से पहले की तरह नजर आने लगे हैं। विशेष प्रकार की निर्माण सामग्री और मसाले से किले की ऐतिहासिक इमारतों को सहेजा जा रहा है।

लगभग 500 साल पुराना श्योपुर किला आजादी के बाद पुरातत्व विभाग के अधीन आ गया, लेकिन छुट-पुट कामों को छोड़कर किले में संरक्षण के लिए कोई बड़ा काम नहीं हुआ था। इसी कारण किला धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा था।

करीब 80 लाख रुपए खर्च करने के बाद जीर्णशीर्ण हो चुके मोती महल, बारादरी, पतंगबुर्ज, पार्क आदि संवर गए हैं। किले की नालियों का मेंटेनेंस भी किया गया है, ताकि पानी की निकासी हो सके और पानी इमारतों की नींव में न भरे। वहीं, सीप नदी की ओर किले की दीवार का भी मेंटेनेंस होगा, ताकि किले का टीला धंसके नहीं। इसके अलावा विभिन्न कार्य भी कराए जा रहे हैं।

कहा जाता है कि श्योपुर दौलत राव के अधीन था, जहां टकसाल थी, मतलब यहां पर शाही सिक्के ढाले  जाते थे। ऐसे ही कारण से की इस शहर को शीर्ष शाही क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। 1814 ई. में, जब भरोस राघौगढ़ के जय सिंह किचीे का इस इलाके पर अधिकार था, उसने इस किले पर भी कब्जा कर लिया। 1818 ई. में ग्वालियर की संधि के बाद इस किले के हालात बदले थे।

इस तरह अब श्योपुर के किले का पुराना वैभव पुरातत्व विभाग के माध्यम से लौटाया गया है। इसे देखने के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान के लोगों के साथ ही देशभर के सैलानी आते हैं।