ईमानदारी से पाया हुआ फल लंबे समय तक साथ रहता है…

जो भी व्यक्ति ईमानदारी से काम करते हैं तो शुरुआत में भले ही परेशानियों का सामना करते हों, लेकिन कुछ समय बाद में इस गुण का अच्छा फल जरूर मिलता है.

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ईमानदारी का अर्थ यह है कि जिंदगी के सभी आयामों में मनुष्य का सच्चा होना. इस पंक्ति का थोड़े और अच्छे से बताने की कोशिश करते हैं जैसे

1.झूठ न बोलना,
2.किसी भी तरह की बुरी आदतों में न होना
3. अपने बर्ताव से किसी की दिक्कते न बढ़ाना
4. एक सभ्य व्यक्ति कभी भी ऐसी चीज़ों में शामिल नहीं होता जो नैतिक रुप से गलत होती हैं.
5. सभी नियमो को पालन करना…

महाभारत के समय जब अर्जुन बड़े परेशान थे तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश से कर्म के महत्व को समझाया. जो भी व्यक्ति अपने कर्म को ईमानदारी, मेहनत व लगन के साथ करता है, उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं कि इंसान पूरी शिद्दत से मेहनत करता है तो अपनी गरीबी को भी दूर कर सकता है. अधिकांश जगह पर शांत रहने से खुद को झगड़े से बचा सकता है. इस आधुनिक दुनिया में इंसान अपने आपको बड़ा और एक तरीके से बना सकता है. यह करना थोड़ा कठिन है, लेकिन अगर करते हैं तो सफलता निश्चित है.

इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता . जब इंसान अंतरिक्ष में पहुंच सकता है, नए-नए अविष्कार कर सकता है तो वह कुछ भी कर सकता है. बस उसे कम बोलना और सामने वाले को सुनने जैसी गतिविधियों को अपनी आदत बनाना है. अर्थात् सामने वाले को अच्छे से सुनने के बाद ही अपने विचारों को प्रकट करना चाहिए. और अगर बिना कहे बात खत्म हो सकती है तो इससे बड़ी बात ही क्या है.

जानिए ऐसे ही कुछ और विचार, जिन्हें पढ़ने से शायद आत्मविश्वास बढ़े…
1. कर्म करने से गरीबी, जाप करने से पाप, मौन रहने से क्लेश, जागते रहने से भय का नाश होता है.

2. सामान्य लोग विद्वानों की संगत में रहते हैं तो बड़ी-बड़ी समस्याओं को भी आसानी से दूर कर सकते हैं.

3. जो लोग गलत कार्य करते हैं , वे शुरू में तो पेड़ की तरह फलता-फूलता है और खूब धन भी बटोरता है, लेकिन बाद में जिस तरह कोई पेड़ जड़ सहित सूख जाता है, ठीक उसी तरह उनकी भी धन-संपत्ति पूरी तरह नष्ट हो जाती है.