ज्यादा झूठ बोलने की आदत ला सकती है जिंदगी में कोहराम

आज के दौर में लोग काम काज या परिवार में अक्सर छोटा मोटा झूठ बोल देते हैं. ये उनकी आदत में शुमार हो गया है. उन्हें इस बात से कोई फर्क भी नहीं पड़ता कि, उन्होंने झूठ बोला है. और अमूनन ये उस तरह झूठ होता है जिससे किसी का कोई नुकसान नहीं होता लेकिन बोलने वाले को कुछ न कुछ सहूलियत मिल जाती है. अब जैसे कोई ऑफिस के लिए लेट हो गया तो बोल देता है, उसके घर में कुछ मेहमान आ गए थे, या कभी बिना कहे छुट्टी कर ली, तो अगले दिन तबियत खराब होने का बहाना कर दिया. हालांकि ये झूठ था, पर लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार इसे बहाने का नाम दिया हुआ है. यहाँ तक तो ठीक है, क्योंकि वैसे भी एक कहावत है जिस झूठ से किसी को कोई नुकसान न हो उसके साइड इफेक्ट भी नहीं होते. लेकिन ये बात पूरी तरह सच नहीं है. साइड इफेक्ट हर गलती के और गलत चीज़ के होते हैं. पर उनका रिएक्शन थोड़ा लेट आता है. यानी समझो कभी किसी का ऑफिस में नहीं जाने के लिए अक्सर बोला जाने वाला झूठ पकड़ा जाता है. तो हमेशा के लिए छुट्टी होने की संभावना होती है. या फिर जब वाकई बहुत ज़रुरत होगी तब भी छुट्टी नहीं मिलती है.

और अक्सर झूठ बोलने की आदत इंसान को धीरे धीरे सत्य से दूर करती जाती है. और उसे ये एहसास भी नहीं होता कि, जो उसने बोला वो झूठ है, उसे वो महज एक आम बात लगती है. जिसकी वजह से उसकी जिंदगी में ज़्यादातर काम झूठ की बुनियाद पर ही होते हैं. यहाँ तक कि, कभी कभी तो उसकी इस आदत से सच बोलने वाली बात से कोई फर्क नहीं पड़ता हो, तब भी वो झूठ बोल देता है. और आगे जाकर इसके भयावह परिणाम होते हैं. यहाँ तक कि झूठ बोलने वालों की जिंदगी में कभी कभी तो कई रिश्तों की बुनियाद भी झूठ से शुरू होती है. जिससे आगे जाकर न सिर्फ कई रिश्ते बिखरते हैं, बल्कि उसके झूठ की वजह से और भी कई लोग उस झूठ में पिस जाते हैं.

इसलिए जीवन में जितना हो सके सच बोलने की कोशिश कीजिये. मजाक के रूप में बोला गया झूठ तो ठीक है, पर मजाक की भी एक हद होनी चाहिए. और बाद में सबको सच्चाई से वाकिफ भी करवा देना चाहिए. ताकि जिंदगी में और रिश्तों में खुशियाँ हमेशा बरक़रार रह सकें.