दुनिया के कई‌ देशों में पूजे जाते हैं श्रीगणेश, जापान से लेकर ईरान तक अलग अलग नाम

आज पूरा देश गणेश चतुर्थी के जश्न में डूबा हुआ है। इस पवित्र अवसर पर देशभर में श्रद्धालुओं ने गणपति बप्पा की प्रतिमा को अपने घरों में स्थापित किया है। आज के दिन कई श्रद्धालु भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए उनके 108 नामों का पाठ करते हैं। सनातन धर्म में भगवान श्रीगणेश को गजानन, मंगलमूर्ति, सिद्धिविनायक, वक्रतुंड, विघ्नहर्ता जैसे 108 नामों से जाना जाता है। हालांकि बहुत कम लोगों को पता होगा कि भगवान श्रीगणेश की पूजा भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी की जाती है। जापान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, अफगानिस्तान, ईरान, म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड सहित अन्य देशों में गणेशजी की पूजा की जाती है। इनमें से कुछ देश ऐसे भी हैं जहां गणेशजी को अलग-अलग नामों से पूजा जाता है।

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श्रीलंका – श्रीलंका में गणेशजी के 14 प्राचीन मंदिर हैं। साथ ही कई प्रसिद्द बौद्ध मंदिरों में भी गणेशजी की प्रतिमा स्थापित है। श्रीलंका में गणेशजी को ‘भगवान पिल्लयार’ के नाम से जाना जाता है।

जापान – बौद्ध धर्म से संबंध रखने वाले जापानी लोगों की भी गणेशजी के प्रति गहरी आस्था है। जापान में गणेशजी को ‘कांगितेन’ के नाम से जाना जाता हैं। जापान में चार भुजाओं वाले गणेशजी का भी वर्णन है।

थाईलैंड – थाईलैंड में गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यहां गणेशजी को ‘फ्ररा फिकानेत’ नाम से जाना जाता है। नए व्यवसाय या शादी के अवसर पर थाईलैंड में गणेशजी की पूजा की जाती है।

इंडोनेशिया – दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में भी गणेशजी के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। इंडोनेशिया के 20 हज़ार के नोट पर गणेशजी की तस्वीर है। यहां उन्हें ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।

इन देशों के अलावा थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, नेपाल और चीन में भी इन्हें अलग-अलग रूपों में पूजा जाता है।