श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने आईआईटी-दिल्ली के पूर्व निदेशक की अध्यक्षता में इंजीनियरों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. ये विशेषज्ञ 28 साल बाद बन रहे राम मंदिर की समीक्षा करेंगे और सुझाव देंगे कि किस तरह और मंदिर की भव्यता को बढ़ाया जा सकता है.
आठ सदस्यीय इस समिति के अध्यक्ष, आईआईटी-दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो वीएस राजू हैं. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की के निदेशक प्रो एन गोपाला कृष्णन को इस समिति का संयोजक नियुक्त किया गया है.
अन्य सदस्य प्रोफेसर एसआर गांधी, निदेशक, एनआईटी, सूरत हैं; प्रोफेसर टीजी सीताराम, निदेशक, आईआईटी गुवाहाटी; प्रोफेसर बी भट्टाचार्जी, प्रोफेसर एमेरिटस, आईआईटी दिल्ली; एपी मुल, सलाहकार, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर; प्रोफेसर मनु संथानम, आईआईटी मुंबई; और प्रोफेसर प्रदीप बनर्जी, आईआईटी मुंबई.
विशेषज्ञ की टीम समीक्षा करने के बाद सभी विवरण और रिपोर्ट को लार्सन एंड टुब्रो और टाटा कंसल्टेंट के इंजीनियोरों के साथ साझा करेगी. इन विवरणों में वास्तुशिल्प और संरचनात्मक डिजाइन, मिट्टी परीक्षण और दूसरों के बीच पाइलिंग परीक्षण जैसी रिपोर्ट शामिल हैं.
लार्सन एंड टुब्रो की डिज़ाइन टीम के साथ-साथ TCE, CBRI- रुड़की और IIT- मद्रास की डिज़ाइन टीम के साथ भी गठित समिति चाहे तो राम मंदिर परिसर की डिजाइन पर चर्चा कर सकती है. और अगर कुछ सुझाव हैं तो वह भी दे सकती हैं. और जो रिपोर्ट विशेषज्ञो की टीम ने मंदिर की समीक्षा करने के बाद बनाई है उसे इन कंपनियों के साथ साझा कर चर्चा कर सकती है.
उम्मीद की जा रही थी कि गठित समिति 15 दिसंबर तक रिपोर्ट सौंप देंगी परंतु यह राम मंदिर का मसला है तो थोड़ा और समय लगा रहा है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि, ” राममंदिर से संबंधित एक विशेषज्ञ की टीम को गठित किया गया है. जो मंदिर के हर पहलू की समीक्षा कर रही है जिससे मंदिर को और प्रभावशाली व भव्य बनाया जा सके.”
विशेषज्ञों की टीम इन चीज़ों की समीक्षा कर रही है.
* लार्सन और टुब्रो द्वारा इस्तेमाल की गई मिट्टी की जांच की समीक्षा.
* भूकंपीय खतरों और सुरक्षा उपायों के लिए सुझाव के तहत मिट्टी के द्रवीकरण की संभावना का मूल्यांकन.
* भारत या विदेश में हाल के दिनों में निर्मित समान संरचनाओं के उदाहरणों की समीक्षा और राम मंदिर के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली उपयुक्त है या नहीं.
* निर्माण की वांछित सेवा गुणवत्ता और उसकी दीर्घायु को ध्यान में रखते हुए लार्सन एंड टुब्रो द्वारा प्रस्तावित निर्माण सामग्री की समीक्षा.
* सल्फेट के हमले, लीचिंग, विगलन-ठंड / गीला-सुखाने वाले चक्र आदि के कारण नींव में कंक्रीट का बढ़ना और उसका बिगड़ना.
* राम मंदिर की नींव और निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्रस्तावित सामग्रियों पर विचार.
ये सभी कार्य इस विशेषज्ञ समिति द्वारा पूरे किए जाएंगे