अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए 2 छोटे से बच्चों ने कर दिया अपनी पॉकेटमनी का दान

अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण चल रहा है. दुनियाभर के रामभक्त अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के मंदिर के शीघ्र बनने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. राम मंदिर को बहुत भव्य तरीके से बनाया जा रहा है. पूरा राममंदिर परिसर राममय होने के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होगा. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ परिसर के विकास के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से एक परिकल्पना तैयार की गई है. श्रीराम मंदिर परिसर को खास बनाया जा रहा है ताकि जब रामभक्त परिसर में प्रवेश करें तो उन्हें इस बात का अहसास हो कि वह श्रीराम जन्मभूमि धाम में हैं. ऐसे में लोग बढ़ चढ़कर दान भी दे रहे हैं. दुनिया के कोने कोने से किसी भी तरह राम भक्त अपने प्रभु के लिए दान भेज रहे हैं. लोग अपनी सुविधाओं के अनुसार दान पुन्य कर रहे हैं. कोई नकद राशि में दे रहा है, तो कोई चांदी की शिलाएं और अन्य सामान भेज रहा है. दुनियाभर से लोग अपनी आस्था और आर्थिक स्थिति के अनुसार दान कर रहे हैं. राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट संभाल रहा है.

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जानकारी के अनुसार हाल ही में अयोध्या में मन्दिर निर्माण के लिए दो बच्चों ने एक ऐसा योगदान दिया है जो सभी राम भक्तों के लिए उदाहरण है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए बिहार से आए 2 बच्चों ने कुछ ऐसा किया, जो उनकी उम्र के बच्चे सोच भी नहीं सकते. जिस उम्र में बच्चे चॉकलेट और खिलौनों पर पैसे खर्च करते हैं, उस उम्र में विवेक और वैभव नाम के दो बच्चों ने कई दिनों से जमा की हुई अपनी पॉकेटमनी भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए दान कर दी. इन बच्चों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ऑफिस जाकर 2001 रुपए दान कर दिए.

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तीसरी और पांचवी कक्षा में पढने वाले ये दोनों बच्चे बिहार से अपने माता-पिता के साथ जन्मभूमि के दर्शन करने अयोध्या आए हुए थे. और उन्होंने अपने मन में पहले ही तय कर लिया था कि, वो श्रीराम मंदिर के लिए दान करेंगे, उसके बाद ही भगवान के दर्शन करेंगे. ये दोनों बच्चे काफी समय से जमा कर-कर के दान के लिए पैसे इकठ्ठे कर रहे थे. और अयोध्या पहुंचकर अपने माता-पिता के साथ राम जन्म भूमि ट्रस्ट कार्यालय में गए, जहां उन्होंने मैनेजर प्रकाश गुप्ता को 2001 रुपए दान किए. उनके साथ माता-पिता ने भी 5000 रुपए मंदिर निर्माण के लिए दान दिए.