सुनील लहरी नहीं, कोई और ही बनने जा रहे थे लक्ष्मण

धारावाहिक रामायण ने टेलीविज़न की दुनियां में एक बार नहीं बल्कि दो दो बार इतिहास बना दिया. 33 साल पहले एक बार इसके प्रसारण पर जिस तरह रास्ते, गलियां और बाज़ार सब सूनसान हो जाया करते थे, ठीक उसी तरह इस बार भी हुआ, हालाँकि कोरोना महामारी के चलते इस बार तो लोग पहले से ही अपने घरों में थे, पर फिर भी टेलीविज़न के विभिन्न चैनलों पर आने वाले सभी कार्यक्रम छोड़कर दर्शकों ने सिर्फ रामायण और महाभारत दोनों धारावाहिकों को बेहिसाब प्यार दिया.

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इस धारावाहिक के पात्रों का चुनाव भी आसान नहीं था, जानकारी के अनुसार, लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुनील लहरी ने खुद एक कार्यक्रम में ये बताया कि, पहले मुझे शत्रुध्न का किरदार करने के लिए बुलाया गया था, और लक्ष्मण की भूमिका के लिए निर्माता निर्देशक रामानंद सागर अभिनेता शशि पुरी को लेना चाहते थे, पर शशि पुरी ने ये किरदार करने के लिए इंकार कर दिया. उसके बाद भी कुछ तय नहीं था, और एक दिन जब मैं कहीं जाते हुए सड़क पार कर कर रहा था, तो उसी समय कार से रामानंद सागरजी वहां से गुज़र रहे थे, तो उन्होंने कार रोककर मुझसे पूछा कि, इन दिनों क्या कर रहे हो? मैंने बताया, किसी शूटिंग में व्यस्त हूँ, उन्होंने कहा कि, मेरे ऑफिस में आना, लेकिन मैंने फिर से कहा कि, शूटिंग में व्यस्त हूँ, और मैं ये बात भूल भी गया.

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उस समय मोबाइल फ़ोन वगैरह भी नहीं थे, और मेरे घर में भी फ़ोन नहीं था, उसके बाद सागर साहब ने किसी को मेरे घर भेजकर मुझे ऑफिस में बुलाया और कहा कि, तुम लक्ष्मण की भूमिका कर रहे हो, मैंने कहा कि, वो तो कोई और कर रहा है, तो उन्होंने बताया कि, शशि पुरी ने इसके लिए मना कर दिया है, और इस तरह मैं लक्ष्मण बना गया. फिर वहीँ से वो सिलसिला शुरू हुआ, जिसने इतिहास बना दिया.