भगवान भोलेनाथ को कैलाश पर्वत से अपनी सोने की लंका में ले चाहता था रावण

आपने रावण द्वारा रचित शिव ताण्डव स्तोत्र ‘जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌। तो सुना ही होगा। यह […]

Learn more →

रावण को अपनी शक्ति पर था बहुत अहंकार, भगवान से ही युद्ध के लिए हो गया था तैयार

आज दशहरा है. एक ऐसा पर्व जिसे पूरे देश में विजय प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. जीवन में […]

Learn more →