भगवान भोलेनाथ को कैलाश पर्वत से अपनी सोने की लंका में ले चाहता था रावण
आपने रावण द्वारा रचित शिव ताण्डव स्तोत्र ‘जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्। तो सुना ही होगा। यह […]
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Learn more →हमारे धर्म ग्रंथों में अधिकतर कथाओं के माध्यम से मार्गदर्शन दिया गया है। कुछ बातें सीधी- सीधी कथाओं के माध्यम […]
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