अमलतास के इतने सारे गुण जानकर रह जायेंगे हैरान

झूमर की तरह लटकते पीले फूलों से आच्छादित अमलतास पेड़ की शोभा देखते ही बनती है। अमलतास का पेड़ भारत में लगभग सभी जगहों पर पाया जाता है। इसे बाग़-बगीचों और घरों में सजावट करने के लिए लगाया जाता है। अमलतास का वानस्पतिक नाम केसिया फिस्टुला है। इसके पेड़ की ऊंचाई 25-30 फूट होती है। अमलतास के पत्ते लगभग 3 से 7 इंच लंबे, चिकने और जामुन के पत्तों के समान होते हैं। अमलतास की फली बाहर से चिकनी होती है और अंदर कई चपटे गोल बीज होते हैं। इन बीजों के बीच चिपचिपा गोंद के समान फलमज्जा होता है, जिसका सर्वाधिक उपयोग औषधीय प्रयोग के लिए किया जाता है।

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अमलतास का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके पत्तों और फूलों में ग्लाइकोसाइड, तने की छाल में टैनिन, जड़ की छाल में टैनिन, ऐन्थ्राक्विनीन और फ्लोवेफिन व फल के गूदे में शर्करा, पेक्टीन, ग्लूटीन जैसे रसायन पाए जाते हैं। इसके फूलों, गूदा व बीज का उपयोग दवाई बनाने के लिए किया जाता हैं। इसकी छाल के काढ़े से करारा करने पर गले की जलन और सूजन से राहत मिलती है। अमलतास के फलमज्जा का लेप बनाकर नाभि के आसपास लगाने से बच्चों को पेटदर्द और गैस की तकलीफ से आराम मिलता है। अमलतास के बीजों को घिसकर बिच्छू के दंश वाले स्थान पर लगाने से राहत मिलती है।

त्वचा संबंधी रोगों में अमलतास के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं। इसके पत्ते का लेप बनाकर लगाने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है। बुखार आने पर भी अमलतास के पत्तों का उपयोग किया जाता है। 20 ग्राम अमलतास के गुदे को 150 मिली पानी में भिगोकर रात को सोने से पहले गुड़ या शक्कर के साथ लेने से कब्ज से छुटकारा मिलता है। मुंह में छाले होने पर अमलतास के फलमज्जा और धनिए को बराबर मात्रा में मिलाकर उसमें चुटकी-भर कत्था मिलाकर चूर्ण तैयार करने और उस चूर्ण को दिन में 2-3 बार आधा चम्मच चूसने से आराम मिलता है। अमलतास के पत्तों को सेंककर बांधने से सूजन उतरती है। अमलतास के बीजों का चूर्ण बनाकर रोगी को पिलाने से तुरंत उल्टी होती है। सुबह-शाम अमलतास के पत्तों का रस पीने और चेहरे पर मालिश करने से चेहरे के लकवे में लाभ मिलता है।

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अमलतास वैसे तो बहुत ही उपयोगी औषधि है, लेकिन इसका नियमित रूप से उपयोग नहीं करना चाहिए। इसका नियमित उपयोग करने से मूत्र का रंग हर हो जाता है व मूत्र रोग की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अमलतास के उपयोग से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए।