विशेष मंत्रों और वैदिक विधि से रखी जाएगी श्रीराम मंदिर की आधारशिला

श्रीराम मंदिर भूमिपूजन को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल बना हुआ है। सभी राम भक्त इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही सभी के मन में यह सवाल भी है, कि श्रीराम मंदिर भूमिपूजन के दौरान कौन से मंत्रोच्चार किए जाएँगे और किसी तरह आधारशिला अनुष्ठान को पूरा किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह अनुष्ठान दो दिन पहले ही शुरु हो जाएगा, इस अनुष्ठान को संपन्न करने के लिए देश के विभिन्न स्थानों से विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। ImageSource

भूमिपूजन और आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या पहुँचेंगे। उससे पहले ही यह अनुष्ठान 3 अगस्त को शुरु हो जाएगा। सबसे पहले 3 अगस्त को एक यज्ञशाला का बनाई जाएगी और इसी दिन काशी से वेदों के जानकार अयोध्या पहुँचकर अनुष्ठान शुरु करेंगे। आपको बता दें कि इस अनुष्ठान में काशी के अलावा देश के अन्य हिस्सों के विद्वान भी शामिल होंगे जो 5 अगस्त को प्रधानमंत्री को विधि-विधान से जन्मभूमि पूजन और आधारशिला कार्य संपन्न कराएँगे।

5 अगस्त को होने वाली पूजा में सबसे पहले पृथ्वी की पूजा की जाएगी, उसके बाद कश्यप की चाँदी की मूर्ति रखकर विशेष पूजन किया जाएगा।

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कश्यप मूर्ति पूजन के बाद चाँदी के नाग-नागिन पूजे जाएँगे क्योंकि धार्मिक मान्यता है, कि पृथ्वी शेषनाग के फन पर ही टिकी हुई है। यह पूजा पूरी होने के बाद आधारशिला रखने की विधि शुरु होगी, जिसमें पाँच चाँदी की ईंटों को रिक्ता, नंदा, भद्रा, जया और पूर्णा के नाम से स्थापित किया जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री विघ्ननाशक मंत्र पढ़ेंगे जबकि अन्य विद्वान प्रत्येक शिला के अनुसार अलग-अलग मंत्रों का जाप करेंगे।

शांति मंत्र के साथ ही रामजन्म भूमि पूजन और आधारशिला अनुष्ठान पूरा हो जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने तय कार्यक्रम को पूरा करके अयोध्या से वापस लौट जाएँगे। जैसा कि आपको पता है, श्रीराम मंदिर आधारशिला में देश के विभिन्न स्थानों की पवित्र मिट्टी व जल का भी प्रयोग किया जाएगा, इस कार्य के लिए उत्तराखंड से लेकर रामेश्वरम तक व देश के अन्य स्थानों से श्रीराम भक्त इन्हें लेकर निकल चुके हैं, जिनमें काफी स्थानों की मिट्टी और जल पहुंच गए हैं।